आज दिनांक 7 फरवरी 2024 को महिला प्रकोष्ठ द्वारा वस्त्रम: आत्मनिर्भर महिला, सशक्त महिला विषय पर आधारित वस्त्र एवं खाद्य मेले का आयोजन किया गया।
जिसमें छात्राओं ने अचार, मोटे अनाज के खाद्य पदार्थ, निर्मित वस्त्र निर्मित रंगोली आदि विभिन्न प्रकार की 25 से भी अधिक स्टाल लगाई गई।
महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. बिंदु चतुर्वेदी ने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि किस प्रकार अपने उत्पाद का प्रचार प्रसार एवं प्रदर्शन करें जिससे क्रेताओं को आकर्षित किया जा सके।
महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से यह मेला आयोजित किया गया।
आज ही नवाचार एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित ‘सीखों – कमाओ’ योजना के अंतर्गत छात्राओं द्वारा मेहंदी, क्रोशिया, चाट, पोहा, भेलपुरी, लाइव स्केचिंग, वस्त्र एवं ज्वेलरी पर आधारित स्टॉल लगाई गई।
नवाचार प्रकोष्ठ प्रभारी डॉक्टर सुनीता शर्मा ने बताया कि उपरोक्त कार्यों के माध्यम से छात्राओं को उद्यमशीलता का प्रशिक्षण प्राप्त होता है। इसके माध्यम से छात्राओं ने मार्केटिंग, व्यवहार कुशलता तथा वित्तीय प्रबंधन करना सीखा।
साथ ही आज ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ योजना के अंतर्गत असम राज्य की संस्कृति को दर्शाते हुए छात्राओं ने पारंपरिक पोशाक,पारंपरिक भोज्य पदार्थ, रंगोली एवं असम राज्य के पारंपरिक गहनों पर आधारित स्टॉल लगाईं।
प्रदर्शनी देखने आई छात्राओं ने असम राज्य की संस्कृति को समझा और सराहा। एक भारत श्रेष्ठ भारत प्रभारी डॉ हिमानी सिंह ने बताया कि वर्ष पर्यंत इस योजना के अंतर्गत छात्राओं ने असम राज्य पर आधारित विभिन्न गतिविधियों में सहभागिता की जिसके परिणाम स्वरूप आज उन्होंने विभिन्न हस्त निर्मित पदार्थ का प्रदर्शन और विक्रय किया।
इसके साथ ही उपभोक्ता क्लब द्वारा महाविद्यालय में असली – नकली उत्पादों की पहचान किस प्रकार की जाए इस उद्देश्य से एक स्टॉल लगाई गई। क्लब प्रभारी डॉ पुनीता श्रीवास्तव ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सीमा चौहान ने महिला प्रकोष्ठ, नवाचार एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
छात्राओं में व्यवहार कुशलता का गुण विकसित होता है जो उनके व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।