आज से राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा के कैंपस प्लेसमेंट एंड कैरियर काउंसलिंग सेल के तत्वाधान में 27 जनवरी से 31 जनवरी तक सॉफ्ट स्किल्स एवं कम्युनिकेशन स्किल्स विषय पर एक पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन प्रारंभ किया गया है।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में नांदी फाउंडेशन महेंद्रा प्राइड क्लासरूम की तरफ से विषय विशेषज्ञ छात्राओं को प्रशिक्षित करेंगे।
कार्यशाला प्रभारी डॉ. ज्योति सिडाना ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को रोजगारपरक कौशल सिखाकर सशक्त बनाना है।
कार्यशाला में छात्राओं को बॉडी लैंग्वेज, प्रोफेशनल ग्रूमिंग, ग्रुप डिस्कशन, साक्षात्कार कौशल, रोजगार के अवसर, कैरियर में अंग्रेजी भाषा की उपयोगिता, समस्या समाधान, और क्रिटिकल थिंकिंग जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सीमा चौहान ने कहा कि यह कार्यशाला हमारे विद्यार्थियों को संचार कौशल और व्यक्तिगत विकास के क्षेत्र में नवीनतम जानकारी और तकनीकों से अवगत कराने का एक प्रयास है।
संचार और कौशल विकास आज के समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इन कौशलों के बिना हमारे विद्यार्थी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपने सपनों को साकार करने में असमर्थ हो सकते हैं। हमें उम्मीद है कि यह कार्यशाला हमारे विद्यार्थियों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी और उन्हें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार करेगी।
नांदी फाउंडेशन से पधारे प्रशिक्षक श्री अनुभव शर्मा ने प्रथम सत्र में छात्राओं को बताया कि साक्षात्कार या किसी औपचारिक प्रशिक्षण के दौरान अपना परिचय कैसे दिया जाना चाहिए ताकि वह प्रभावी बन सके. संचार कौशल के लिए जरुरी है प्रभावी ढंग से बोलना, सुनना और समझना और इसके साथ ही गैर-मौखिक संचार जैसे शरीर की भाषा, चेहरे के भाव और आंखों के संपर्क के माध्यम से संचार करने के कौशल भी व्यक्तिव को प्रभावी बनाते हैं।
दूसरे सत्र में प्रशिक्षक सुश्री स्वाति दिवेदी ने छात्राओं को टीम का नेतृत्व करने, लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने, समय को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने, प्राथमिकताएं निर्धारित करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने के तरीके सिखाए।
समस्या समाधान के लिए समस्याओं को पहचानने, विश्लेषण करने और समाधान करने के कौशल पर भी चर्चा की।
कार्यशाला में प्लेसमेंट सेल के सभी सदस्य डॉ. पारुल सिंह, डॉ. धर्म सिंह मीणा, डॉ. गिरेन्द्र पाल सिंह ने सक्रिय सहभागिता की।