आज दिनांक 30 जनवरी, 2025 को राजकीय कला कन्या महाविद्यालय, कोटा के अर्थशास्त्र विभाग और योजना मंच के संयुक्त तत्वाधान में बजटीय शब्दावली और बजट निर्माण प्रक्रिया तथा आगामी केंद्रीय बजट से अपेक्षाएं विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई जिसमें मुख्य वक्ता वित्तीय विशेषज्ञ डॉ.एम.एल. गुप्ता रहे।
कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का स्वागत करने के पश्चात अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष श्रीमती मीरा गुप्ता ने वर्तमान आर्थिक परिदृश्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि मौजूदा बजट वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, चीन और अमेरिका के बीच प्रतिद्वंद्विता, वैश्विक अस्थिरता के बीच निवेशकों में घबराहट, अर्थव्यवस्था में मंदी की आहट, महंगाई, घरेलू मांग में कमी इत्यादि चुनौतियां के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।
बजट में इन सभी तथ्यों का ध्यान में रखकर विकास दर और रोजगार सृजन के लिए उपाय किए जाएंगे और पूंजीगत खर्च को बढ़ाना जरूरी है। छात्राओं को बजटीय शब्दावली- राजस्व खाता, पूंजीगत खाता, कर राजस्व, गैर कर राजस्व, उपकर, सरचार्ज, योजना और गैर योजना व्यय, वित्त विधेयक इत्यादि को समझाया ताकि वे आगामी बजट को समझकर उसका विश्लेषण कर सकें।
बजट सरकार की आर्थिक स्थिति तथा नीतियों का दर्पण होता है जिसके माध्यम से आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जाता है। बजट में प्रस्तुत कार्यक्रमों की एवं नीतियों की देश-विदेश में चर्चा होती है।
डॉ सुनीता शर्मा ने बजट निर्माण प्रक्रिया को विस्तार से समझाते हुए कहा कि आर्थिक मामलों का विभाग बजट बनाने की शुरुआत अगस्त-सितंबर माह के बीच बजट सर्कुलर जारी करके करता है।
उन्होंने बजट के ब्लूप्रिंट, बजट की पहली ड्राफ्ट कॉपी, वित्त मंत्री महोदया के साथ विभिन्न हितधारकों की मीटिंग, हलवा समारोह इत्यादि को रोचक तरीके से समझाया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता वित्तीय विशेषज्ञ डॉ. एम.एल. गुप्ता ने कहा कि बजट से सभी वर्गों को गृहणि, उद्यमी, आयकरदाता, किसान, विभिन्न क्षेत्रों को उम्मीद होती है। सभी बजट से रियायत की उम्मीद रखते हैं, परंतु सरकार की भी अपनी सीमाएं हैं।
पूंजीगत व्यय तथा विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार को राजस्व की आवश्यकता होती है। वर्तमान परिदृश्य में घरेलू मांग को बढ़ाने, आम आदमी की क्रय शक्ति को बढ़ाने, विकास एवं रोजगार को बढ़ाने के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाने की आवश्यकता है। रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए होम लोन में ब्याज की छूट को बढ़ाया जाए एम.एस.एम.ई. को अधिक वित्त की सुविधा दी जाएं। शिक्षा पर खर्च को बढ़ाना अति आवश्यक है ताकि हम कुशल श्रम शक्ति पैदा कर सकें।
भौतिक अब संरचना के साथ डिजिटल अबसंरचना पर भी हमें फोकस करना चाहिए। महंगाई को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर भी उत्पाद शुल्क कम किया जा सकता है। वित्त मंत्री से हमारी अपेक्षा है की बजट बहुजन हिताय बहुजन सुखाय होना चाहिए। इसमें महिला शक्ति श्रमिक वर्ग, युवा वर्ग, किसान और गरीब पर फोकस किया जाना चाहिए।
प्राचार्या डॉ सीमा चौहान ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि छात्राओं को समसामयिक घटनाओं को समझना चाहिए एवं विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यह निरंतर अध्ययन से ही संभव होता है। छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए ही इस प्रकार के विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. धर्म सिंह मीणा ने किया एवं डॉ. कविता मकवाना ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संकाय सदस्य तथा बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।
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