चिन्यालीसौड़ 19 नवंबर 2025: राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ के IPR सेल एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के संयुक्त तत्वावधान में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर व्याख्यानमाला के अंतर्गत द्वितीय व्याख्यान का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) के सौजन्य से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता प्रो. जी. एस. रजवार जी, कुलपति स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय देहरादून, और द्वितीय वक्ता श्री हिमांशु गोयल, वैज्ञानिक, PIC-UCOST, रहे जो ऑनलाइन मोड में जुड़े हुए थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. प्रभात द्विवेदी जी ने की।
प्रो. जी. एस. रजवार ने जैव विविधता से जुड़े बौद्धिक संपदा अधिकारों के कानूनी व व्यावहारिक पक्षों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार IPR जैव विविधता के संरक्षण और सतत उपयोग को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे नवाचारों को प्रोत्साहित करते हैं और जैव चोरी भी रोकते हैं। साथ ही पारंपरिक ज्ञान के लाभों को स्थानीय समुदाय के साथ साझा करने के लिए एक ढांचा भी प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम के दूसरे वक्ता श्री हिमांशु गोयल ने अपने व्याख्यान में डिजिटल युग में IPR की उभरती चुनौतियों और अवसरों पर विस्तृत प्रकाश डाला।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी जी ने अपने उद्बोधन में बौद्धिक संपदा अधिकारों को “नए भारत की नवाचार संस्कृति की रीढ़” बताते हुए कहा कि अनुसंधान, नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती देने के लिए IPR की बुनियादी समझ हर विद्यार्थी और शिक्षक के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने UCOST एवं आमंत्रित वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए महाविद्यालय परिवार को ऐसी शैक्षणिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. किशोर सिंह चौहान ने अपने संबोधन में IPR को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का प्रमुख औजार बताया और विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपने प्रोजेक्ट व शोधकार्यों में बौद्धिक संपदा अधिकारों के विभिन्न आयामों को अवश्य समाहित करें।
कार्यक्रम के संयोजक एवं IPR सेल प्रभारी डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि महाविद्यालय का IPR सेल भविष्य में भी इस प्रकार की श्रृंखलाबद्ध गतिविधियों के माध्यम से छात्रों और संकाय सदस्यों को जागरूक करता रहेगा। उन्होंने UCOST, महाविद्यालय प्रशासन, अतिथि वक्ताओं एवं तकनीकी दल सहित सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका डॉ. सुगंधा वर्मा ने किया। कार्यक्रम में ऑनलाइन मोड में भी प्रतिभागी सम्मिलित रहे।
इस व्याख्यानमाला में महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया और बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर IQAC प्रभारी डॉ रजनी चमोली, डॉ बृजेश चौहान, डॉ विनीत कुमार, डॉ खुशपाल, डॉ यशवंत सिंह, डॉ निशि दुबे, डॉ आराधना राठौर, डॉ नेहा बिष्ट, डॉ मंजू पांडे, डॉ आलोक बिजल्वाण, डॉ मनोज सिंह बिष्ट, डॉ प्रभदीप सिंह, श्री राजेश राणा, श्री मदन सिंह, श्री रोशन लाल, श्री होशियार सिंह, श्री जीतेन्द्र पंवार, श्री रमेश चंद्र और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।


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