आज दिनांक- 07/मई /2024 को राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन एवं महिला उत्पीड़न निवारण प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया|

जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के श्री कमलेश गौड़ , श्री बाबूराम जी उपस्थित रहे, कार्यक्रम के प्रारंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी ने अपने संबोधन में जेंडर सेंसटाइजेशन विषय पर भूमिका बांधते हुए अपना वक्तव्य दिया।

उन्होंने कहा कि लैंगिक असमानता हमारे समाज की देन है भारतीय समाज में वैदिक संस्कृति से लेकर मध्यकाल तक स्त्री का ऊंचा स्थान रहा है लेकिन वर्तमान में नारी को शक्ति के रूप में पूजा तो जाता है लेकिन समानता के स्तर पर दूसरे पायदान पर रखा जाता है, उन्होंने कहा कि शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति को लिंग भेद जैसे मुद्दे पर संवेदनशील बनाया जा सकता है।

इसके पश्चात अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के कमलेश गौड़ ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए वीडियो क्लिप के माध्यम छात्र-छात्राओं संदेश दिया कि तुम अबला नहीं, रानी नहीं, तुम अप्सरा हो|

उन्होंने कहा कि समाज में समता के आधार पर स्थापित धारणाओं में बदलाव किया जा सकता है , लिंग निर्धारण की भूमिका समाज स्वयं ही निभाता है।

समाज एवं सांस्कृतिक परंपराएं, पहनावा, व्यवहार, शिक्षा के आधार पर समाज में औरत और मर्द की परिभाषा गढ़ दी जाती है , शिक्षा, संवेदनशीलता, जागरुकता ही इस लैंगिक असमानता को आहिस्ता- आहिस्ता समाप्त कर सकती है।

इसके साथ ही कार्यक्रम में महाविद्याल के महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका श्रीमती कृष्णा डबराल, डॉ कुलदीप, डॉ आलोक, डॉ वृजेश चौहान, ,डॉ दीपक धर्मशक्तु, डॉ मनोज बिष्ट, डॉ खुशपाल, डा कपिल सेमवाल डॉ.अशोककुमार अग्रवाल , डॉ रामचंद्र, , डॉ प्रमोद कुमार सिंह तथा महाविद्यालय के समस्त शिक्षणेत्तर कर्मचारी, छात्र-छात्रा- दुर्गेश, जितेन्द्र राहुल, प्रदीप ,अजय ,पलक,रवीना,आशिका, कंचन, सोनाली, नैनसा , रोबिन, साक्षी, दिया आदि मौजूद रहे! यह जानकारी मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल एवं डॉ कपिल सेमवाल द्वारा दी गई।

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