•  बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र छात्राओं का चार दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन। 

राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ के बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र छात्राओं के लिए चार दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया।

इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में व्यवहारिक अनुभव प्रदान करना है l शैक्षणिक भ्रमण में बीएससी तृतीय वर्ष के 28 छात्र-छात्राओं ने वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ अशोक कुमार अग्रवाल एवं आलोक बिजलवान के निर्देशन में भाग लिया।

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भ्रमण के पहले दिन विद्यार्थियों ने वन अनुसंधान संस्थान (एफ आर आई) देहरादून का भ्रमण किया। वहां पर उन्होंने विश्व विख्यात पांच संग्रहालय का भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की, जिसमें पैथोलॉजी, सामाजिक वानिकी, इमारती लकड़ी, गैर कॉस्ठ वन उत्पाद, सिल्वीकल्चर संग्रहालय प्रमुख है।

इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ अशोक कुमार अग्रवाल ने वन अनुसंधान के विषय में विस्तार से बताया की वन अनुसंधान देहरादून अपनी तरह का सबसे पुराने संस्थानों में से एक है। संस्थान का इतिहास वस्तुत केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे उपमहाद्वीप में वैज्ञानिक वानिकी के विकास और विकास का पर्याय है।

तत्पश्चात विद्यार्थियों ने वन अनुसंधान संस्थान के वनस्पति विज्ञान के वर्गीकरण विभाग में हरबेरियम के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। वर्गीकरण विभाग के वैज्ञानिक डॉ प्रवीण वर्मा ने छात्र छात्राओं को हरबेरियम के विषय में एक व्याख्यान भी दिया। वन अनुसंधान का हरबेरियम एशिया का दूसरा सबसे बड़ा हरबेरियम है।

भ्रमण के दूसरे और तीसरे दिन विद्यार्थियों ने डॉल्फिन पीजी इंस्टीट्यूट, देहरादून द्वारा आयोजित “जैविक तकनीक” नामक दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया।

कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को जैविक अनुसंधान में उपयोग की जाने वाली विभिन्न प्रयोगशाला तकनीकी को बताना था । कार्यशाला जानकारी पूर्ण रही जिसमें विद्यार्थियों ने विभिन्न जैविक तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की । कार्यशाला के समापन अवसर पर विद्यार्थियों को कार्यशाला के प्रमाण पत्र भी दिए गए, जो उनके के भविष्य के लिए उपयोगी होंगे ।

भ्रमण के तीसरे दिन विद्यार्थियों ने आंचलिक विज्ञान केंद्र देहरादून का भ्रमण किया, जहां पर उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर व्याख्यान में भाग लिया और आईपीआर के विषय में जाना।

विद्यार्थियों ने आंचलिक विज्ञान केंद्र में पृथ्वी के विकास के संबंध में एक 3D चलचित्र को बड़ी उत्सुकता से देखा और पृथ्वी के विकास के विषय में फिल्म के माध्यम से समझा।

यहां पर छात्र छात्राओं ने तारामंडल, हिमालय गैलरी, एडवांस साइंस गैलरी, डायनासोर पार्क, मनोरंजक विज्ञान प्रदर्शनी आदि का भ्रमण कर विज्ञान के विषय में जानकारी प्राप्त की l आंचलिक विज्ञान केंद्र विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को जानने हेतु अंत क्रिया आधारित अन्वेषी अनुभव युक्त एवं सहज वातावरण उपलब्ध कराता है ।

शैक्षणिक भ्रमण के अंतिम दिन विद्यार्थियों ने देहरादून चिड़ियाघर (देहरादून जू) का भ्रमण किया ।

वहां पर रेंज ऑफिसर मोहन सिंह रावत द्वारा चिड़ियाघर और जानवरों के व्यवहार के विषय में जानकारी दी l चिड़ियाघर में विद्यार्थियों ने दो सिंग वाले हिरण, तेंदुए, नीलगाय, शुतुरमुर्ग, मगरमच्छ, कछुए और चिड़ियों की विभिन्न प्रजातियों को देखा और उनके विषय में जाना ।

इसके साथ चिड़ियाघर में फिश एक्वेरियम, सर्प पार्क, कैक्टस पार्क का भी अवलोकन कर जानकारी प्राप्त की। चिड़ियाघर जैव विविधता संरक्षण का एक अच्छा उदाहरण है l जहां पर विद्यार्थियों को विभिन्न प्रजाति के जानवरों और पौधों को देखने और जानने का अवसर प्राप्त हुआ ।

विद्यार्थियों को मिले अनुभव के आधार पर शैक्षणिक भ्रमण सफल रहा, जिसमें विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में व्यवहारिक अनुभव प्रदान किया। इस भ्रमण में विद्यार्थी अपने सैद्धांतिक जान को व्यवहारिक ज्ञान सीखने में सफल रहे ।

इस शैक्षणिक भ्रमण में विद्यार्थियों ने अपने क्षितिज को व्यापक बनाने और उन विषयों की गहरी समझ हासिल करने में मदद मिलेगी जिसका वे अध्ययन कर रहे हैं ।