आज दिनांक 8 मार्च 2025 को राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का भव्य आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा, “सभी महिलाओं एवं बालिकाओं हेतु अधिकार सामान्य तथा सशक्तिकरण” थीम पर आधारित पोस्टर प्रतियोगिता, जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। निर्णायक मंडल में डॉ० भूपेश चंद्र पंत, डॉ० सुगंधा वर्मा एवं डॉ प्रभात कुमार सिंह सम्मिलित रहे।

कार्यक्रम के संयोजक मंडल में महाविद्यालय के रोवर रेंजर प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ यशवंत सिंह तथा आराधना राठौर एवं महिला उत्पीड़न निवारण प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ० निशि दुबे शामिल रही। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ यशवंत सिंह ने किया।

सर्वप्रथम पोस्टर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने अपने पोस्टर प्रदर्शित करने के साथ उनमें छिपी हुई भावनाओं को भी व्यक्त किया।

इसके बाद वाणिज्य विषय की प्राध्यापिका आराधना राठौर ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पृष्ठभूमि से अवगत कराया उसके इतिहास और महिलाओं के संघर्ष के बारे में उन्होंने जानकारी दी।

गृह विज्ञान विभाग की प्राध्यापिका डॉ० निशि दुबे ने विद्यार्थियों को बताया कि सशक्तिकरण कैसे करें, उसके लिए उन्होंने कहा कि महिलाओं को जागरूक होना होगा क्योंकि आज भी सम्मान से निर्णय लेने के अधिकार महिलाओं के पास उपलब्ध नहीं है। सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को शिक्षित होना होगा। विकसित भारत के लिए महिला सशक्तिकरण बहुत ही आवश्यक है।

वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका डॉ0 सुगंधा वर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में सावित्रीबाई फुले, राजा राममोहन राय, आनंदी गोपाल जैसे महिला अधिकारों के रक्षक इतिहास में रहे हैं जिनके लिए इस मंच से हम उन्हें प्रणाम करते हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों का निर्वहन भी अति आवश्यक है क्योंकि अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संतुलन स्थापित करने से ही वास्तविकता में महिला सशक्तिकरण को सार्थक किया जा सकता है। महिलाओं को अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक होना होगा।

शिक्षा शास्त्र के प्राध्यापक डॉ० भूपेश चंद्र पंत ने कहा की शिक्षा के माध्यम से हम अपनी क्षमताओं को जानने की कोशिश करते हैं और इसमें हमें अपने अनुभवों को भी सम्मिलित कर लेना चाहिए। शिक्षा से ही सशक्तिकरण संभव है, समाज तभी बदलेगा जब हम दोनों पक्षों को बराबरी पर रखेंगे। सत्ता का विकेंद्रीकरण ही नए अधिकारों को जन्म देता है।

इस अवसर पर हिमानी रमोला ने भी महिलाओं के आत्मनिर्भर होने पर बल दिया।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ बृजेश चौहान ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का संदेश वाचन किया और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी उपस्थित जनों को शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही छात्रा विजयलक्ष्मी ने भी कविता पाठ किया।

साथ ही हिंदी के प्राध्यापक डॉ यशवंत सिंह ने बेटी के जन्म पर उपजी अपनी भावनाओं पर आधारित एक स्वरचित कविता के माध्यम से भी महिला सशक्तिकरण का सुंदर संदेश दिया जिसको सभी दर्शकों ने खूब सराहा। अंत में पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, जिनमें प्रथम स्थान पर साक्षी नेगी, द्वितीय स्थान पर विजयलक्ष्मी, तथा तृतीय स्थान पर हेमा रही।

इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के डॉ विनीत कुमार, डॉ० खुशपाल, डॉ प्रभात कुमार सिंह, डॉ० नेहा बिष्ट, डॉ आलोक बिजलवान, डॉ मनोज सिंह बिष्ट, डॉ रामचंद्र नौटियाल, श्री स्वर्ण सिंह, श्री मदन सिंह, विजयलक्ष्मी, जितेंद्र पवार, जयप्रकाश भट्ट, सुनील गैरोला, नरेश चंद, सुरेश रमोला एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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