राजकीय महाविद्यालय नैनबाग टिहरी गढ़वाल की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा आज दिनांक 26 नवंबर 2025 को संविधान दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र ने महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर मुकेश कुमार एवं अन्य प्राध्यापकों का स्वागत किया, और सभी को संविधान दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर डॉक्टर दिनेश चंद्रा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वर्तमान में ही संवैधानिक संस्थाएं अस्तित्व में है भारत में ऋग्वैदिक काल से ही सभा, समिति जैसी जनजातीय संस्थाएं संवैधानिक संस्थाएं ही थी। जिसके माध्यम से जनता के लिए कानून बनते थे। आगे धीरे-धीरे विभिन्न शासको की इच्छाओं के अनुसार कानून बनते थे। फिर अगर हम आधुनिक काल के बारे में बात करें तो उन्होंने कहा कि 1773 में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित रेगुलेटिंग एक्ट को भारत में संवैधानिक विकास की प्रथम सीढ़ी कहा जा सकता है। परंतु भारतीय संविधान भारतीयों के द्वारा बनाया जाएगा यह विचार भारतीयों के मन में सर्वप्रथम 1924 में आया जिसकी प्रेरणा स्वराज पार्टी थी। जिसकी स्थापना सी . आर . दास और मोतीलाल नेहरू ने की थी। सर्वप्रथम ब्रिटिश संसद ने क्रिप्स मिशन की इस बात को स्वीकार किया था किभारतीय संविधान का निर्माण भारतीयों के द्वारा किया जाएगा।
अंततः कैबिनेट मिशन के द्वारा यह बात स्वीकार की गई कि अब भारतीयों के द्वारा संविधान सभा के माध्यम से संविधान का निर्माण किया गया जा सकता है, जिसकी पहली बैठक 13 जुलाई 1946 ई को आहूत की गई थी | फिर विभिन्न बैठकों और विभिन्न वाचनों के बाद अंततः 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में बनकर तैयार हुआ। इसीलिए पूरा भारत वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाता है।
उन्होंने कहा कि भारत का संविधान बहुत ही लचीला और विस्तृत संविधान है जिसकी आत्मा मौलिक अधिकारों अनुच्छेद 32 में बसती है।
उन्होंने कहा कि अगर हम संविधान की प्रस्तावना के बारे में बात करें तो वहां उल्लिखित ” हम” शब्द का मतलब पूरे भारत की जनता है जिसमें भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष , लोकतंत्र आत्मक, गणराज्य बनाने की बात की गई।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर मुकेश कुमार ने महाविद्यालय परिवार को संविधान दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर महाविद्यालय की वरिष्ठतम प्राध्यापिका डॉक्टर मंजू कोगियाल, डॉक्टर ब्रीश कुमार, डॉक्टर दुर्गेश कुमारी, डॉक्टर संदीप कुमार, योग शिक्षक राजमोहन सिंह रावत, पुस्तकालय अध्यक्ष मीनाक्षी डिमरी, भुवन चंद्र डिमरी,अनु सेवक अनिल नेगी, रोशन सिंह रावत ,रीना पवार, एवं बड़ी संख्या में स्वयंसेवी उपस्थित रहे।


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