- राजस्थान स्थापना दिवस पर विशेष
- ब्रांड एम्बेसेडर गायिका आस्था सक्सेना से संक्षिप्त वार्ता
- आस्था सक्सेना गायिका ब्रांड एम्बेसेडर बेटी बचाओ अभियान
संजीव शर्मा, नवल टाइम्स न्यूज़: राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर गायिका ब्रांड एम्बेसेडर आस्था सक्सेना से संक्षिप्त वार्ता
12 जनवरी को राजस्थान में जन्मी सुश्री आस्था सक्सेना एक समाज सेवी, गायिका, ब्रांड एम्बेसेडर बेटी बचाओ अभियान चिकित्सा विभाग हैं.
इन्हे भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार, सी सी आर टी स्काॅलरशिप अवार्ड, राजस्थान सरकार ने 26 जनवरी पर राज्य पुरस्कार, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्थान संगीत नाटक अकादमी प्रतिभा पुरस्कार, पद्मश्री एम टी व्यास स्मृति पुरस्कार ( एक लाख एक ग्यारह हजार एक सो ग्यारह रूपये मूल्य के किसान विकास पत्र) से सम्मानित किया।
आपको माननीय राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, माननीय लोक सभा अध्यक्ष, माननीय राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री, वैज्ञानिक संत श्रध्देय डॉ प्रणव पण्डया जी, श्रद्धेय शैल बाला पंड्या,योग ऋषि स्वामी रामदेव, युवा रत्न संत डॉ चिन्मय पण्डया, जोधपुर नरेश श्रीमान गज सिंह जी, कोटा दरबार श्रीमान बृजराज सिंह जी सहित अनेक हस्तियों ने इंहे आशीर्वाद प्रदान दिया एवं अनेकों सरकारी गैरसरकारी संस्थाओं ने समय-समय पर पुरस्कार प्रदान किया।
आस्था सक्सेना 30 मार्च 2022 को राजस्थान स्थापना दिवस पर राजस्थान सरकार जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग आदि की ओर से अपने संभाग में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत अपने गायन से करेंगीं।
इस अवसर पर राजस्थानी लोक संगीत कला संस्कृति पर उनसे संक्षिप्त बात चीत…
” राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में हुआ है। इसकी शुरूआत 18 अप्रैल 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर, और करौली रियासत के विलय से हुई.. इसी प्रकार अन्य रियासतें भी जुड़ती चली गई और अंत में 30 मार्च 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों के विलय से ” वृहत्तर राजस्थान संघ ” बना इस दिन से ही राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाने लगा। ”
उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूँ कि मेरा जन्म भारत के ऐसे महान प्रदेशों में से एक राजस्थान में हुआ है जहां भक्तिमति मीरा बाई, वीरांगना रानी पद्मिनी, माता पन्नाधाय, उदार हृदय भामाशाह, हाडीरानी, लोक देवता रामदेव, तेज़ाजी, महान योद्धा महाराणा प्रताप, राणा सांगा, पृथ्वी राज चौहान, प्रकृति संरक्षक अमृता देवी, साथ ही कला संस्कृति , साहित्य संगीत( खयाल धुव्रपद, गीत, ग़ज़ल, लोक गीत, गायन, वादन, कथक, लोक नृत्य) इतिहास ललित कला, लोक कला, चित्र कला, मूर्ति कला, वस्त्र उद्योग कोटा साड़ी कचौरी, फिल्म , खेल , शिक्षा और उद्योग जगत से जुडे कई प्रसिद्ध नाम हैं। जिन्होने राजस्थान को समृद्ध बनाने में योगदान दिया।
राजस्थान में जन्में
सविंधान निर्मात्री सभा के सदस्य मा0 बलवंत सिंह मेहता, भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति श्रीमान भैरो सिंह शेखावत, वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष श्रीमान ओम बिरला जी आदि कई नाम है जिन्होंने संवैधानिक पदों पर रहते हुए प्रदेश ही नहीं देश का गौरव विश्व में बढाया है।
भारतीय सेना, प्रशासनिक सेवा, सीमा सुरक्षा बल, पुलिस में राजस्थान के वीर वीरांगना बेटियां बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती हैं।
”
” उन्होंने कहा कि मैं कोटा के संगीत और समाज सेवी परिवार में जन्मी हूँ माता शास्त्रीय गायिका संगीता सक्सेना एवं पिता देवेंद्र कुमार सक्सेना समाज सेवी तबला वादक हैं ।
मेरी शिक्षा में माता-पिता के अलावा स्कूल-कालेज के कई गुणीजनों का विशेष योगदान रहा है।
पढ़ाई के साथ-साथ समय समय पर भारतीय शास्त्रीय, सुगम संगीत, कोरियाई, अंग्रेजी, मराठी, पंजाबी और राजस्थानी गीतों का गायन कर अपनी कला संस्कृति का प्रचार प्रसार भी करतीं हूँ।
मैं सभी प्रकार का संगीत गाने की कोशिश करती हूँ।
राजस्थानी लोक गीतों और लोक नृत्यों की परम्परा बहुल समृद्ध है। राजस्थान के लोक गीत विभिन्न वर्गों में बंटे हुए हैं जैसे संस्कार परम्परा से जुड़े लोग गीत, ऋतुओं से जुड़े लोक गीत इन गीतों में विरह है, वेदना है, त्याग है, उमंग है, उल्लास है प्रकृति व संस्कृति है।
प्रसिद्ध मांड केसरिया बालमा राजस्थान पर्यटन विभाग का एन्थम गीत है राजस्थान गीतों में मूमल,
गोरबंद, कुरजां, औल्यू, मांड, जला, चिरमी अनगिनत पारंपरिक लोक रचनाएं हैं।
भारत सरकार राजस्थान सरकार संगीत नाटक अकादमी, पद्मश्री अल्लाह जिलाई बाई तमाम लंगा बंधु, वीणा केसेट के श्री के सी मालू, शास्त्रीय संगीत के महान कलाकार पद्म भूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट, श्री सलिल भट्ट लंगाओ के साथ मिलकर राजस्थान संगीत को विश्व व्यापी बनाने में अमूल्य योगदान दे रहे हैं ।
राजस्थान के अनगिनत कलाकार साहित्यकार राजस्थानी लोक व सुगम संगीत के प्रचार-प्रसार में सक्रिय हैं।
राजस्थान के लोक कलाकारों की दशा और दिशा के लिए भारत सरकार राज्य सरकारों के साथ भामाशाहो को और ठोस आर्थिक कार्य योजना बनाने के आवश्यकता है। ताकि उनके जीवन में किसी भी प्रकार का अभाव नहीं हो,,
अन्त में मैं नवल टाइम्स न्यूज़ के माध्यम से देश विदेश में फैले आप सभी भारतीय को राजस्थान स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएँ
जय हिंद जय राजस्थान