- युसैक की कार्यशाला में सम्मिलित हुये राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता के 40 छात्र।
आज दिनांक 15 अक्टूबर को राजकीय महाविद्यालय मालदेवता के 40 छात्रों ने उत्तराखंड अंतरिक्ष भवन में विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका एवं अनुप्रयोग पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया । महाविद्यालय में यूसेक के नोडल अधिकारी डॉ दयाधर दीक्षित ने बताया कि यह कार्यशाला निश्चित रूप से छात्रों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी तथा परम्परागत विषयो से अलग नए क्षेत्र में संभावनाओं के मार्ग प्रशस्त करेगी। इस अवसर पर यूसेक के निदेशक प्रोफेसर एमटीएस बिष्ट ने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में रोजगार की असीमित संभावनाएं हैं तथा वनस्पति विज्ञान गणित भौतिक विज्ञान रसायन विज्ञान आदि सभी विज्ञान का समन्वय अंतरिक्ष विज्ञान में देखने को मिलता है।
अंतरिक्ष विज्ञान में किए जा रहे कार्यों में इन सभी विषयों के विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है अतः विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन करने वाले सभी छात्र छात्र अपने लिए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भविष्य बना सकते हैं।
इस अवसर पर युसैक के सिस्टम मैनेजर हेमंत बिष्ट ने रिमोट सेंसिंग तथा उसके अनुप्रयोग पर बोलते हुए कहा कि आज के समय में रिमोट सेंसिंग का बहुत उपयोग है। सेटेलाइट के माध्यम से भारत एवं विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन करते हैं तथा उसके आधार पर आगे की रणनीति बनाने में सरकार को मदद मिलती है ।रिमोट सेंसिंग पर के बोलते हुए साइंटिस्ट दिव्या उनियाल ने बताया कि किस प्रकार रिमोट सेंसिंग के माध्यम से खेती तथा अन्य एग्रीकल्चर सेक्टर में कार्य किया जा रहा है उन्होंने। झकोरा मंडुवा तथा अन्य पहाड़ की मूल प्रजातियों का अध्ययन प्रस्तुत किया।
इसी क्रम में वैज्ञानिक सुषमा गैरोला ने जीपीएस के अनुप्रयोग पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा वैज्ञानिक आशा थपलियाल ने वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया वैज्ञानिक शशांक लिंगवाल ने कोऑर्डिनेट सिस्टम मैपिंग तथा वेब जीपीएस की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफ़ेसर वंदना शर्मा ने कार्यशाला के सफल आयोजन पर सभी छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों को बधाई दी।