December 25, 2025

Naval Times News

निष्पक्ष कलम की निष्पक्ष आवाज

रा० स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया 77 वा स्वतंत्रता दिवस

आज राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता में 77 वा स्वतंत्रता दिवस बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो वन्दना शर्मा द्वारा तिंरगा फहराया गया।

तत्पश्चात समारोहक डॉ आशुतोष मिश्रा ने माननीय निदेशक ( उच्च शिक्षा) का सन्देश सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। जयघोष के साथ महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने वीर शहीदों को नमन करते हुए प्रभात फेरी निकाली, इसके साथ ही नशा मुक्ति समिति के संयोजक प्रो यतीश वशिष्ठ तथा डॉ अनीता चौहान ने छात्र छात्राओं को नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई। सांस्कृतिक समिति की संयोजक डॉ सुनीता नौटियाल के निर्देशन में महाविद्यालय की छात्राओं ने कार्यक्रम के शुभारंभ हेतु सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। इसके पश्चात छात्राओं ने देश भक्ति गीत, तथा लोक गीतों की सुन्दर प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो दिनेश प्रताप सिंह ने विद्यार्थियों को स्वतंत्रता के महत्व से अवगत कराने के साथ ही छात्रों का आह्वान किया कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए नियमित कक्षाओं में अपनी शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करें।

IMG_20230816_002809

इसी क्रम में चुनावी साक्षरता क्लब की नोडल अधिकारी व राजनीति विज्ञान की प्राध्यापिका डॉ0 सरिता तिवारी ने भारत के इतिहास में क्रांतिकारी आंदोलन की भूमिका पर प्रकाश डाला । विभिन्न क्रांतिकारी नेताओं के योगदान पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन के इतिहास लेखन में अभी भी स्वतंत्र दृष्टिकोण का अभाव है।जो यूरोपीय इतिहासकारों ने लिख दिया हम उसी पर भरोसा कर लेते है। जबकि वे औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त थे। आजादी के इतने दशक बाद भी अपने वीर अमर बलिदानियों का इतिहास अभी भी हम निष्पक्ष रूप से नही लिख पाए है जिसकी आज बहुत आवश्यकता है ताकि भावी पीढ़ियों को उनके बारे में पता चल सके।

कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 वंदना शर्मा ने सभी को शुभकामनाएं दी। राष्ट्र पर्व के अवसर पर महाविद्यालय प्रो 0 यतीश वशिष्ठ, प्रो 0 अरुण अग्रवाल, प्रो 0डी पी सिंह, प्रो 0सविता वर्मा, प्रो 0पूजा कुकरेती एवम चुनावी साक्षरता क्लब के सदस्य अभिरत्ना राणा,अंशुल भारती आदि मौजूद रहे।

About The Author