एनटीन्यूज़,रुडक़ी। गर्भवती पत्नी की गैर इरादतन हत्या के मामले में पांच साल बाद एडीजे कोर्ट ने आरोपी पति को दोषी पाते हुए दस साल की सजा और 25 हजार का जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा गर्भ में पल रहे शिशु की मौत में भी कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए दस साल की कैद और 25 हजार का जुर्माना लगाया है।
लक्सर एडीजे कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भूपेश्वर ठकराल ने बताया कि केहड़ा निवासी अरुणा की ससुराल माड़ाबेला (खानपुर) में थी। 2016 में अरुणा गर्भवती थी। तब ओकेश ने अरुणा से मारपीट की। उसे जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अरुणा के पिता साधूराम ने खानपुर थाने में ओकेश, उसकी मां मांगी व भाई राकेश के खिलाफ दहेज हत्या व गर्भस्थ शिशु की हत्या का मुकदमा लिखाया था।
पुलिस ने ओकेश को जेल भेजा था, जबकि बाकी दोनों का नाम विवेचना में बाहर कर दिया था। मामला एडीजे कोर्ट में विचाराधीन था। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने 12 गवाह प्रस्तुत किए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने ओकेश को दहेज हत्या के बजाय पत्नी की गैर इरादतन हत्या का दोषी करार देते हुए 10 साल की कैद व 25 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही गर्भस्थ शिशु की मौत में भी कोर्ट ने ओकेश को दस साल कैद व 25 हजार का जुर्माना अदा करना होगा।
जुर्माना न देने पर उसे छह-छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अधिवक्ता ठकराल ने बताया कि घटना के बाद से ओकेश जेल में है। उसकी दोनों सजा एकसाथ चलेंगी।


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