उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग तथा भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के बीच हुए एमओयू के तहत विद्यार्थियों में रोजगार के अवसर के रूप में उद्यमिता को अपनाने के उद्देश्य से फैकल्टी मेंटल कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं।
उत्तराखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालय से प्राध्यापक को फैकल्टी मेंटर विकास कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है और फैकल्टी मेंटर बनाया जा रहा है इस योजना के अंतर्गत राजकीय महाविद्याल पौखाल टिहरी (गढ़वाल) से डॉ. संजीव प्रसाद भट्ट (विभाग – संस्कृत) भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद से प्रशिक्षण लेकर वापस आए हैं।
डॉ. भट्ट ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत राजकीय महाविद्यालय पौखाल टिहरी गढ़वाल में देवभूमि उद्यमिता केंद्र की स्थापना की जाएगी तथा विद्यार्थियों को रोजगार के विकल्प के रूप में उद्यमिता को अपने के लिए प्रेरित किया जाएगा, इसके लिए बूट कैंप तथा ईडीपी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
डॉ. संजीव प्रसाद भट्ट के अनुसार 28 जुलाई से 2 अगस्त 2024 (छह दिवसीय) कार्यक्रम में उत्तराखंड के विभिन्न विश्वविद्यालय तथा राजकीय महाविद्यालय के प्राध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया।
राजकीय महाविद्यालय पौखाल टिहरी गढ़वाल प्राचार्य प्रोफेसर ए एन सिंह ने वर्तमान समय में उद्यमिता की उपयोगिता बताते हुए कहा कि अपने सबसे बुनियादी स्तर पर, उद्यमिता का मतलब एक व्यक्ति या भागीदारों के एक छोटे समूह से है जो एक नया व्यवसाय बनाने के लिए एक मूल मार्ग पर चलते हैं।
एक महत्त्वाकांक्षी उद्यमी सक्रिय रूप से एक विशेष व्यवसाय उद्यम की तलाश करता है और यह उद्यमी ही होता है जो परियोजना से जुड़े सबसे बड़े जोखिम को उठाता है। साथ ही उन्होंने डॉ. संजीव भट्ट को बधाई भी दी।
छह दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं में डॉ. सुनील शुक्ला (महानिदेशक ईडीआईआई) डॉ. अमित कुमार द्विवेदी, डॉ. पंकज भारती, डॉ. राजीव शर्मा, श्री स्नेह देसाई प्रोफेसर रश्मि मैनेजर रातुला मैडम आदि उपस्थित रहे।