लोकसभा चुनाव 2024 का पहला परिणाम आ गया है जो भाजपा के पक्ष में गया है, सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं।
सूरत लोकसभा क्षेत्र से आज नाम वापसी के आखिरी दिन निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ बसपा प्रत्याशी प्यारे लाल भारती ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया जबकि कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन खारिज किया जा चुका है।
गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर मतदान तीसरे चरण में 7 मई को होना है, जिसके लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 19 अप्रैल थी और नामांकन वापस लेने का तारीख 22 अप्रैल है। बीजेपी की शिकायत के बाद कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुंभानी का पर्चा प्रस्तावकों की वजह से खारिज हो चुका है।
बता दें कि गुजरात की 26 सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन किया है, जिसके तहत सूरत से कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट उतारा था, लेकिन निलेश का फॉर्म रद्द हो चुका है, भाजपा के अलावा शेष सभी प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस ले लिए जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं।
सूरत लोकसभा सीट देश के पूर्व पीएम मोरारजी देसाई का चुनाव क्षेत्र रहा है वे यहां से 5 बार सांसद रहे थे, लेकिन साल 1989 से सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी का लगातार कब्जा है ।
उम्मीदवार निलेश कुंभानी अपने प्रस्तावकों को मौजूद नहीं रख पाए। रिटर्निंग अफसर सौरभ पारधी ने बताया कि कुंभानी और पडसाला के चार नामांकन फॉर्म प्रथम दृष्टया गड़बड़ मिले। पर्चे में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर न होने पर नामांकन खारिज किया गया।
रिटर्निंग अफसर ने अपने आदेश में बताया है कि प्रस्तावकों ने हलफनामे में किए गए हस्ताक्षर को फर्जी बताया है। कांग्रेस पार्टी के वकील बाबू मंगुकिया ने कहा कि दिनेश कुंभानी और सुरेश पडसाला के नामांकन फॉर्म खारिज कर दिए गए हैं, क्योंकि 4 प्रस्तावकों ने बताया कि फॉर्म पर हस्ताक्षर उनके नहीं थे।
कांग्रेस ने इस घटनाक्रम को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया है, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि हस्ताक्षर में कथित विसंगतियों को लेकर पार्टी उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र रद्द करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले के खिलाफ कांग्रेस गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगी।