श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, ऋषिकेश परिसर में 12 दिवसीय एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम (EDP) का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और युवाओं को स्वरोजगार एवं स्टार्टअप संस्कृति से जोड़ना है, ताकि वे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे सकें।
कार्यक्रम के तीसरे दिन उद्यमिता विकास केंद्र, देहरादून के रिसोर्स पर्सन श्री दीपक चौहान ने युवाओं को नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में स्टार्टअप और उद्यमिता क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, और युवा यदि सही दिशा में प्रयास करें तो वे एक सफल उद्यमी बन सकते हैं।
उन्होंने अपने व्याख्यान में कई प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किए और युवाओं को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के लिए विभिन्न व्यायाम और गतिविधियाँ कराईं, जिससे उनकी रचनात्मक और रणनीतिक सोच विकसित हो सके।
इस अवसर पर बिजनेस प्लानिंग, मार्केटिंग स्ट्रेटेजी, वित्तीय प्रबंधन और सरकारी योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक सफल बिजनेस के लिए सही योजना, मार्केट रिसर्च और वित्तीय प्रबंधन की समझ होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सरकारी योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया, जिससे युवा उद्यमी अपनी व्यवसायिक यात्रा को सरल और प्रभावी बना सकें।
कार्यक्रम में देवभूमि उद्यमिता योजना की नोडल अधिकारी प्रोफेसर अनीता तोमर ने बताया कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ कैसे उठाया जा सकता है।
डॉ. धर्मेंद्र तिवारी ने छात्रों को व्यावसायिक रणनीतियों पर मार्गदर्शन दिया और मार्केट में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहने के महत्व को समझाया। उन्होंने छात्रों को अपने विचारों को व्यावसायिक रूप में विकसित करने की प्रक्रिया को समझाया। उन्होंने बताया कि एक सफल स्टार्टअप के लिए नवीन सोच और लगातार सीखने की प्रवृत्ति आवश्यक है।
कार्यक्रम में मान्या राजपाल ने अपने अनुभव साझा किए कि कैसे उन्होंने स्टार्टअप के लिए सीड मनी प्राप्त की और अपने विचारों को साकार किया। उन्होंने बताया कि शुरुआती निवेश और वित्तीय प्रबंधन किस प्रकार एक नवोदित उद्यमी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डॉ. अंजनी दूबे, डॉ. शालिनी रावत, उद्योग जगत के विशेषज्ञ, स्टार्टअप संस्थापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया और उद्यमिता को करियर विकल्प के रूप में अपनाने की दिशा में प्रेरित हुए।
इस पूरे कार्यक्रम के दौरान छात्रों की उत्सुकता और उनके नए विचारों को लेकर जोश देखने लायक था, जिससे यह साफ प्रतीत हुआ कि आने वाले समय में ये युवा उद्यमिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पहल को छात्रों के करियर विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।