मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में टैक्स पेयर्स और विभिन्न वर्गों को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि 12 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह टैक्स फ्री होगी।
इसके साथ ही सरकार नया टैक्स कानून लाने जा रही है, जिसे अगले सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा।
इस बजट में विशेष फोकस किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग और मिडल क्लास पर रहा। वित्त मंत्री ने महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनमें कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे से जुड़े कई विकास कार्य शामिल हैं।
मुख्य घोषणाएं:
➤ 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
➤ बिहार में मखाना बोर्ड का गठन।
➤ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये।
➤ बिहार में नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फूड टेक्नॉलजी की स्थापना।
➤ 6,500 नई सीटों के साथ IIT का विस्तार।
➤ एआई के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना और 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन।
➤ 5 विश्वस्तरीय स्किल सेंटर विदेशों के साथ साझेदारी में।
➤ 50 वर्ष के लिए राज्यों को 1.5 लाख करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज।
➤ 10 हजार नई मेडिकल सीटों का ऐलान।
➤ MSME के निवेश और टर्नओवर लिमिट को बढ़ाया गया।
➤ महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति को बिजनस शुरू करने पर 5 लाख रुपये की सहायता।
➤ 120 नए डेस्टिनेशंस के साथ उड़ान योजना का विस्तार।
➤ 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
➤ 1 लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड।
➤ अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर्स की स्थापना।
➤ 36 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी समाप्त, 6 पर 6% कस्टम ड्यूटी।
➤ 100 कानूनों को समाप्त करने के तहत जनविश्वास 2.0 की शुरुआत।
सरकार का नया टैक्स विधेयक और इन घोषणाओं से देश में विकास की नई राह खुलने की संभावना जताई जा रही है।
नई आय कर व्यवस्था में निम्नानुसार कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है.
कुल वार्षिक आय
कर की दरें
0-4 लाख रुपए
शून्य
4-8 लाख रुपए
5 प्रतिशत
8-12 लाख रुपए
10 प्रतिशत
12-16 लाख रुपए
15 प्रतिशत
16-20 लाख रुपए
20 प्रतिशत
20-24 लाख रुपए
25 प्रतिशत
24 लाख रुपए से अधिक
30 प्रतिशत
टीडीएस / टीसीएस की दरों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा 50,000 रुपए से दोगुनी बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है।
इसी प्रकार, किराए पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए प्रस्तावित है। अन्य कदमों में अब धनप्रेषणों पर टीसीएस की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है और उच्च टीडीएस कटौती के प्रावधान केवल गैर-पैन मामलों पर ही लागू होंगे।
विवरणी दाखिल करने की नियत तारीख तक टीडीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक कर दिया गया था अब टीसीएस प्रावधानों के लिए भी इसी छट का प्रावधान करने का प्रस्ताव