आज दिनांक 05 जून 2025 विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य एवं सरंक्षक प्रोफे. सत्य प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता में एक दिवसीय वेबिनार जिसका शीर्षक “ पर्यावरण चेतना : विविध आयाम का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य वेबिनार के माध्यम से समाज के अधिकतम लोगो तक पर्यावरणीय मूल्यों से अवगत कराना एवं सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति की और अपना योगदान प्रदान करना।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य एवं प्राध्यापकों द्वारा पौधे को जलार्पण के साथ किया गया तथा इस अवसर पर संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डॉ, धर्मेन्द्र सिंह द्वारा मंगलाचरण गीत का वंदन भी किया गया I कार्यक्रम का संचालन नमामि गंगे के नोडल डॉ. मुकेश शाह द्वारा किया गया तथा उनके द्वारा वेबिनार में भौतिक एवं गूगल मीट के माध्यम से जुड़े वक्तागणों, सिक्षाविद्धों एवं समाजसेविको का स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया।
डॉ. तनूजा रावत, विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र ने अपने व्यख्यान में जिनका उप – विषय “ पर्यावरण एवं सतत विकास “ के अंर्तगत सतत विकास के समस्त लक्ष्यों में पर्यावरण सरंक्षण पर अवगत कराया गया कि पर्यावरण संतुलन के लिये आर्थिकी के साथ सामाजिक सहभागिता भी अपरिहार्य है ताकि सामूहिक रूप से पर्यावरण से होने वाले चुनोतियों का सामना किया जा सके “
पर्यावरण की संवेदनशीलता” उप- विषय पर शिक्षाशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सौरभ सिंह द्वारा नव- निश्चयवादी विचारधारा पर प्रकाश डाला गया तथा यह भी अवगत कराया गया कि भारतीय सनातनी जनमानस की जीवन शैली पर्यावरण सरंक्षण से गहन रूप से जुडी है तथा भारत के धार्मिक ग्रंधों में पर्यावरण संवेदनशीलता के प्रमाण मिलते है।
इसी क्रम में कार्यक्रम के अगले वक्ता वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गणेश चन्द्र द्वारा “ स्वस्थ पर्यावरण: हमारी जिम्मेदारी” उप- विषय पर आम जीवन में पर्यावरण संकट के समाधान हेतु मूलभूत कार्यों के प्रति सजग रहने तथा जनमानस को भी जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
डॉ. मुकेश शाह, विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग द्वारा अपने उप- विषय “ पर्यावरण एवं आर्थिक विकास में अंतरसंबध “ पर अवगत कराया गया कि आर्थिक विकास एवं पर्यावरण एक दुसरे के पूरक है तथा दोनों में संतुलन स्थापित करके तकनीक एवं नवाचार द्वारा सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
कार्यक्रम के अंत में अपने अध्यक्षीय सम्भोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे. शर्मा द्वारा अवगत किया गया कि पर्यावरण संकट को कम करने के लिए विलासता पूर्ण वस्तुओं के उपभोग को कम किया जाना चाहिये ताकि यह वातावरण को संतुलित रखे तथा संशाधनो का उपभोग इस तरह से किया जाना चाहिए कि उसकी उपलब्धता भावी पीड़ी के लिए भी सुंरक्षित रहे I अपने वक्तव्य में आपने श्री राम के 14 वर्ष के वनवास में प्रकृति के साथ अपने आपको समायोजित करने की उनकी शैली पर भी प्रकाश डाला।
उक्त कार्यक्रम में तकनीकी सहायता महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. दीपक कुमार एवं डॉ. धर्मेन्द्र सिंह द्वारा दी गई I कार्यक्रम का धन्यवाद भाषण महाविद्यालय के इतिहास के प्राध्यापक डॉ. धनेन्द्र कुमार द्वारा दिया गया।
उक्त कार्यक्रम के उपरांत महाविद्यालय के परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस पर प्राचार्य, प्राध्यापकों एवं छात्रों द्वारा वृक्षारोपण एवं स्वच्छता कार्यक्रम चलाया गया I
कार्यक्रम मे महाविद्यालय के प्राध्यापक में डॉ. सुनीता चौहान, डॉ. सरिता कर्मचारीगण में श्री विजेंद्र,श्रीमती सोनी,अनुराधा तथा महाविद्यालय के 65 छात्र- छात्राये उपस्थित रहें।