विष्णु शर्मा जी का गीत कोई तो होगा ही, हमें जगाने वाला, विष्णु जी आप अखिल भारतीय साहित्य परिषद कोटा राजस्थान के अध्यक्ष हैं आपके द्वारा रचित दिल को छूने वाला गीत………
कोई तो होगा ही, हमें जगाने वाला।
भूल भाल कर सब कुछ, मस्त सुलाने वाला।।
कोई तो होगा ही, हमें जगाने वाला।
भूल भाल कर सब कुछ, मस्त सुलाने वाला।।
चला रहा है हमको,देकर ज्ञान अनोखा।
भूल चूक होने पर , कभी न देता धोखा।।
बनकर सच्चा साथी,सदा खिलाने वाला।
कोई तो होगा ही, हमें जगाने वाला।।१।।
रिमझिम पानी देता,सारी नदियां भरता।
सबकी चिंता करके, पीड़ाओं को हरता।।
सदी गर्मी वर्षा,भेद बताने वाला।
कोई तो होगा ही ,हमें जगाने वाला।।२।।
साँस साँस में बजता,सबकी आँखे, खोले।
सही गलत का अंतर,भीतर आकर बोले।।
अजर अमर अविनाशी बोध कराने वाला।
कोई तो होगा ही, हमें जगाने वाला।।३।।
भूल भुलैया उसकी, रोज दिखाती माया।
लगने लगती हरिहर, सच्ची झूठी काया।।
जब-जब भटके नैया ,पार लगाने वाला।
कोई तो होगा ही , हमें जगाने वाला।।४।।
कोई तो है साथ में,सब जीवों के पास।
जो सबको नित दे रहा, प्यार भरा विश्वास।।
(विष्णु शर्मा,हरिहर)
अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद कोटा राजस्थान