डॉ संदीप भारद्वाज एनटीन्यूज़: वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में आज भारत के महान गणितज्ञ श्री श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष में बी एड विभाग एवं गणित विभाग के द्वारा विचार गोष्ठी व प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे (डॉ) जी आर सेमवाल द्वारा की गई । कार्यक्रम के प्रथम चरण में बी.एड. विभाग में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व बी.एड. विभाग की विभाग प्रभारी डॉ रुचि बहुखंडी द्वारा किया गया, जिसमें उन्होंने गणित विषय की महत्ता एवं जीवन में उसके उपयोग के बारे में छात्र छात्राओं को अवगत कराया। गोष्ठी में वक्ता के रूप में छात्र-छात्राओं में अमन, शिवानी, विक्रांत, श्रेया, खजान आदि ने गणितीय जादुई सारणी, रामानुज सारणी, उनका जीवन परिचय, वैदिक गणितज्ञ युक्तियां, आदि के बारे में रोचक पूर्ण व प्रभावी रूप से व्याख्यान रखा।
इस अवसर पर डॉ सत्येंद्र कुमार, डॉ प्रिंसी, डॉ कविता बडोला एवं श्री विमल डबराल उपस्थित रहे। कार्यक्रम के द्वितीय चरण में गणित विभाग के विभाग प्रभारी, डॉ रोशन केस्टवाल के नेतृत्व में गणित के विद्यार्थियों ने गणित विभागीय परिषद के अंतर्गत प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर श्वेता पांडे द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में 4 टीम, ए, बी, सी, व डी ने प्रतिभाग किया, जिसमें कुमार स्पर्श, आयुष, अभिनव, व विवेक कुमार (टीम डी) ने प्रथम स्थान, गौरव, मनोज, आशीष कुमार व शिवम (टीम बी) ने द्वितीय स्थान, और हर्षित, मीनाक्षी, सुरभि पाल व अक्षय (टीम सी) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय भाषण स्वरूप प्राचार्य ने बी.एड. एवं गणित के छात्र छात्राओं को राष्ट्रीय गणित दिवस के बारे में समझाते हुए बताया कि भारत के 14वें और तात्कालिक प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 26 फरवरी 2012 को मद्रास विश्वविद्यालय में भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्म की 125 वीं वर्षगांठ के समारोह के दौरान 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाए जाने की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि 13 साल की उम्र में रामानुजन ने ट्रिग्नोमेट्री की मास्टरी हासिल कर ली थी, इसलिए उन्हें (man who knew infinity) ‘जिसे आनंद के बारे में पता हो’ कहा जाता है। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ आशुतोष त्रिपाठी, प्रोफे (डॉ) आर एस गंगवार व डॉ रुचि बडोनी ने अपनी गरिमामई उपस्थिति दी।