वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर देहरादून में आज एक सतर्कता संबंधी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका विषय जलवायु परिवर्तन का साक्ष्य उत्तराखंड के संदर्भ में था।
कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) जी आर सेमवाल द्वारा की गई । कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ किया गया ।
इसके पश्चात प्राचार्य द्वारा सभी सम्मानित अतिथि गणों का स्वागत किया गया एवं अध्यक्षीय भाषण स्वरूप सभी छात्र-छात्राओं एवं उपस्थित प्राध्यापकों को जलवायु परिवर्तन विषय पर बताया कि उत्तराखंड प्रदेश अपनी खास तरह की जलवायु के लिए जाना जाता है, लेकिन वैश्विक जलवायु परिवर्तन से यहां भी मौसम का मिजाज बदलने लगा है।
इस वर्ष देश भर में सबसे ज्यादा लू उत्तराखंड प्रदेश में चली है।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों में देशभर में रिकॉर्ड किए गए 203 हीट वेब (लू) वाले दिनों में से 28 दिन अकेले उत्तराखंड में पाए गए हैं। इसलिए इस विषय को गंभीरता से लेने की अत्यंत आवश्यकता है।
कार्यशाला के समन्वयक डॉ संजीव किमोठी, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून द्वारा संबोधन स्वरूप उपस्थित वक्ताओं द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले विषयों पर प्रकाश डाला गया। इसके पश्चात कार्यशाला में मुख्य वक्ता डॉ पूजा जिंदल,आई आई आर एस, इसरो द्वारा इंपैक्ट ऑफ ग्लोबल वार्मिंग फॉर एनवायरमेंट विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए गए ।
द्वितीय वक्ता के रूप में डॉक्टर नरेंद्र सिंह, साइंटिस्ट, आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस नैनीताल द्वारा अपने विचार रखे गए। तृतिय वक्ता के रूप में डॉक्टर आशा थपलियाल, सीनियर साइंटिस्ट उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किए गए। अंतिम वक्ता के रूप में डॉ डी एस रावत, डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्लानिंग एंड वॉटर शेड मैनेजमेंट डायरेक्टर, देहरादून द्वारा अपने विचार रखे गए।
कार्यशाला संयोजक डॉ राखी डिमरी द्वारा बताया गया कि जलवायु परिवर्तन का असर वनस्पतियों पर भी दिखने लगा है, अब तय समय से पहले फूल खिलने लगे हैं, साथ ही उनके रंग और खुशबू में भी अंतर दिखाई देने लगा है। यह जलवायु परिवर्तन का प्रभाव ही है कि उत्तराखंड में ब्रह्म कमल तय समय से पूर्व खिलने लगे हैं और फूलों की घाटी भी समय से पहले फूलों से भर गई है।
सत्र के अंतिम चरण में डॉक्टर आर पी सिंह उपनिदेशक, डब्ल्यूएमडी देहरादून द्वारा प्रश्नोत्तरी सत्र के माध्यम से छात्र छात्राओं से कार्यशाला में प्रस्तुत किए गए विषयों से संबंधित प्रश्न पूछे गए, जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर अपने प्रश्नों के जवाब दिए एवं प्रोत्साहन राशि स्वरूप सम्मानित भी हुए।
कार्यशाला में लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का समापन आयोजन सचिव डॉ विनोद रावत के धन्यवाद ज्ञापन के साथ संपन्न हुआ, जिसमें उन्होंने समस्त उपस्थित वक्ताओं एवं छात्र छात्राओं को धन्यवाद दिया।
कार्यशाला में प्राध्यापक वर्ग में प्रोफेसर आर एस गंगवार, डॉ रुचि बहुखंडी, डॉ प्रिंसी, डॉ कविता, डॉ रजनी, डॉ डी के भाटिया आदि उपस्थित रहे।