देवेंद्र कुमार सक्सेना, नवल टाइम्स न्यूज़,कोटा : साहित्य मनीषी वैद्य फूल चंद शर्मा होगें ‘आचार्य हनुमान प्रसाद सक्सेना स्मृति अखिल भारतीय पुरस्कार’ से सम्मानित।
परिचय लेख समाचार
वर्ष 1938 जुलाई के अंतिम सप्ताह में बहजोई मुरादाबाद उत्तर प्रदेश में जन्में साहित्यकार वैद्य फूलचंद शर्मा ने सामाजिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा आदि के क्षैत्र में अनुपम कार्य साहित्य काव्य का सृजन कर अपने आध्यात्मिक गुरु देव वेदमूर्ति तपोनिष्ठ आचार्य श्रीराम शर्मा जी के विचार क्रांति अभियान को जन जन तक पहुंचाने का उत्कृष्ट प्रयास किया है।
आप सन 1985 से 2001 तक युग तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के पवित्र प्रांगण में पूज्य गुरुदेव वंदनीया माताजी के सानिध्य में परिवार सहित रहे.. मैं भी उन दिनों गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आपके ही पास सावित्री ब्लाक में रहता था। आपने वहां की संगीत सहित कई महत्वपूर्ण विभागों में अपनी सेवाएं दी।
शांतिकुंज से पूर्व आप राजस्थान में राजकीय सेवा में रहें।
शिक्षा : आपको साहित्य भाषा रत्न, आयुर्वेद रत्न सहित अनेक डिग्री डिप्लोमा प्रमाण पत्र प्राप्त हूए साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए आपको साहित्य महामहोपाध्याय, काव्यं सरस्वती, साहित्य मनीषी आदि उपाधि से सम्मानित किया गया।
साहित्य सृजन:
यजुर्वेद संहिता पद्यानुवाद दोहे, गीता ज्ञानामृत, अंक तत्व दर्शन, सुख शांति के सूत्र, यज्ञपध्दति, प्रकृति के दिव्य वृक्षों से उपचार, प्रेरक दोहे, प्रकृति चालीसा, संस्कार परिचय, जीवन यात्रा, भज गोविंदम, श्री गुरू गीता, धन्वंतरि चालीसा, सहित 24 पुस्तकें प्रकाशित हुई।
देश विदेश में अनगिनत लोगों के जन्म दिवस, विवाह दिवस, सेवा निवृत्ति दिवस पर अपनी निस्वार्थ काव्यात्मक बधाईयाँ आशीर्वाद स्वरूप भेजकर प्रेरित अनुग्रहीत करने वाले मनीषी वैद्य फूलचंद शर्मा कहते हैं कि “मैं जब औरों को प्रसन्न देखता हूं तो मुझे भी बहुत प्रसन्नता होती हैं । 87 वर्ष की आयु में मैं आज भी इसीलिए स्वस्थ हूँ व सेवा का कार्य पूज्य गुरुदेव वंदनीया माताजी के आशीर्वाद व सदप्रेरणा से ही कर पा रहा हूं।”
अंतरराष्ट्रीय गायत्री परिवार देश विदेश में श्रध्देय डॉ प्रणव पण्डया जी एवं श्रद्धेय शैल बाला दीदी के मार्गदर्शन में विचार क्रांति के लिए करोड़ों लोगों को प्रेरित कर रहा है।
देश के तमाम पत्र पत्रिकाओं में फूल चंद शर्मा जी के लेखों कविताओं का प्रकाशन होता रहता है।
देव संस्कृति एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए लिये आप समय समय भारत के विभिन्न राज्यों में यात्रा करते रहते हैं हैं।
आपका विवाह श्रीमती विमला देवी से हुआ आपकी पुत्री श्रीमती बीना शर्मा , रीता शर्मा, राधा शर्मा एवं आदर्श शर्मा विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
आपको 27 जुलाई 2024 को 87वें जन्म दिवस पर कोटि-कोटि बधाई एवं शुभ कामनाएँ।
सितम्बर माह में उन्हें अखिल भारतीय आचार्य हनुमान प्रसाद सक्सेना स्मृति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
इस हेतु उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएँ…