ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को वाराणसी की अदालत से बड़ा झटका लगा है। सात साल पहले प्रतिकार यात्रा के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने खारिज कर दी है। इससे पहले उन्हें इसी कोर्ट से फरार घोषित करते हुए कुर्की का आदेश जारी किया गया था।

अविमुक्तेश्वरानंद समेत 25 लोगों को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट के जज सियाराम चौरसिया ने 29 सितंबर को फरार घोषित किया था। आदेश के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। इस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने याचिका का विरोध किया। इसके बाद अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका खारिज कर दी गई है।

विदित हो कि पांच अक्तूबर 2015 को गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन की मांग लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मैदागिन चौराहे से दशाश्वमेध तक प्रतिकार यात्रा निकाली थी। इसी दिन शाम करीब साढ़े चार बजे गोदौलिया चौराहे पर प्रतिकार यात्रा के पहुंचने पर भगदड़ की स्थिति बन गई। यहां जमकर उपद्रव हुआ और आगजनी की गई। इसमें पुलिस बूथ, सरकारी जीप में आग लगा दी गई थी। एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस वैन और लगभग दो दर्जन बाइक क्षतिग्रस्त कर दी गई। पथराव किया गया था, जिसमें प्रशासनिक अफसर, पुलिस व अन्य घायल हुए थे।

प्रकरण में दशाश्वमेध थाने में पूर्व विधायक अजय राय, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, महंत बालक दास, अरुण पाठक, पंकज सिंह, अजय चौबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्बल, असित दास समेत कई पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी प्रकरण में अन्य कई ने जमानत करा ली थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अब तक जमानत नहीं कराई थी। कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। बावजूद इसके पेश न होने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत 25 को फरार घोषित करते हुए कुर्की का आदेश दिया गया था।