दिनांक 30- 31 अगस्त 2024 को पंडित ललित मोहन शर्मा ,श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश एवं प्लांटिका संस्थान देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में  कृषि उद्यमिता विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज समापन  हुआ।

दो दिवसीय कार्यशाला का समापन मुख्य अतिथि राज्यमंत्री श्री देवेंद्र भसीन एवं राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के  पूर्व रजिस्ट्रार प्रोफेसर डॉ इंद्रजीत गुलाटी  एवं पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर एम एस रावत, डीन विज्ञान संकाय प्रोफेसर डॉ गुलशन कुमार ढींगरा ने किया I

दो दिवसीय कार्यशाला के समापन पर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री श्री देवेंद्र भसीन जी  ने अपने संबोधन में छात्रों को कृषि उद्यमिता की ओर अग्रसर होकर देश की आर्थिक प्रगति में योगदान देने को प्रेरित किया, साथ ही उत्तराखंड राज्य सरकार  द्वारा उच्च शिक्षा में उद्यमिता को अनिवार्य रूप से शामिल करनेपर जोर दिया ।

राज्य मंत्री भसीन जी ने राज्य सरकार  के द्वारा उत्तराखंड के उद्यमियों के लिए चलायी जा रही योजनाओं के लिए सरकार की सराहना की एवं विश्वविद्यालय के द्वारा इस तरह की कार्यशालों के लगातार आयोजन की वकालात की | कार्यशाला में सम्मिलित  राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के  पूर्व  रजिस्ट्रार प्रोफेसर डॉ  इंद्रजीत गुलाटी ने बताया की वर्तमान सरकार  के द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कौशल विकास एवं उद्यमिता से , सम्बंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियोंके उज्जवल भविष्य के लिए बहुत ही लाभकारी हैं जिन्हे समय  समय पर आयोजित करवाए जाने  चाहिए , जिससे आने वाले विद्यार्थी देश का भविष्य संवार सके

कार्यशाला के समापन पर मुख्य अतिथि भसीन जी और विशिष्ट अतिथि डॉ गुलाटी एवं अन्य गणमान्य लोगों के द्वारा परिसर के पूर्व छात्र सचिन को उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए सम्मानित किया गया ।

पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर एम एस रावत ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं में छात्रों को बढ़-चढ़कर प्रतिभागकरना चाहिए।

कार्यशाला के संपन्न होने पर पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेशके डीन विज्ञान संकाय प्रोफेसर डॉ गुलशन कुमार ढींगरा जी ने ख़ुशी जताई एवं छात्रों को कौशल विकाश एवं उद्यमिता से संबधित कार्यशालाओं में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने की और प्रेरित किया l जिससे आने वाले छात्र भविष्य में रोजगार देने वाले बनें। साथ ही प्रोफेसर ढींगरा ने उद्यमिता एवं नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ऐसे कार्यक्रमों को पाठ्यक्रमों में शामिल करने पर जोर दिया और कहा की भविष्य में रोजगार परक कार्यशालाओं का विश्वविद्यालय परिसर में अधिकाधिक आयोजन किया जायेगा ।

कार्यशाला के अंतिम दिन पर डॉ अनूप बड़ोनी जी ने मौन पालन की विधियों के बारे में बताया और आने वाले भविष्य में रोज़गार में इसकी संभावनाओं को लेकर प्रतिभागियों को जागरूक किया।

इसके बाद स्कॉलिस फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री हिमांशु मल्होत्रा जी ने कृषि उद्यमीता में मशरुम और मौन पालन के लिए बाज़ार प्रबंधन के नियम और कार्यशैली के बारे में बताया और कृषि उद्यमिता के बाज़ार प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए सुझाव दिये !

अंत में कार्यशाला के समन्यवयक डॉ अनूप बडोनी जी ने प्रतिभाग करनेवाले सभी छात्रों का और विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक और गैर शिक्षक लोगों का  कार्यशाला को सफलता पूर्वक संपन्न करवाने के लिए धन्यवाद किया और भविष्य में रोजगारपरक कार्यशालाओं के आयोजन के लिए पहाड़ की पृष्ठ्भूमि की वकालात की | साथ ही कहा की प्लाण्टिका संस्थान  कृषि एवं कृषि से जुड़े हुए सभी वर्गों के लिए  और उनके कल्याणके लिए सदैव समर्पित रहेगा ।

कार्यक्रम में आगे डॉ एस के कुडियाल ने कार्यशाला की दो दिवसीय प्रगति के बारे में बताया और प्रतिभाग करने वाले अध्यापकों और छात्रों का धन्यवाद दिया ।

इस अवसर पर परिसर के  प्रोफेसर बीडी पांडे, डॉ  एस  के कुड़ियाल  वनस्पति विभाग, प्रोफेसर अनीता तोमर गणित विभाग तथा प्लांटिका संस्थान से विनय चमोली , चन्दन कुमार, वंदना पेटवाल , स्कॉलिक्स फाउंडेशन से हिमांशु मल्होत्रा एवं विश्वविद्यालय परिसर से तमाम शिक्षक गण मौजूदरहे |

कार्यशाला का समापन  प्रतिभागी छात्रों को मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के द्वारा प्रमाण पत्र  देकर किया गया ।