ओम बिरला राजस्थान के कोटा जिले के रहने वाले हैं और वे कोटा लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार सांसद निर्वाचित होकर लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने हैं। जगदीप धनखड़ भी राजस्थान के झुंझुनूं जिले के रहने वाले हैं। 1989 में झुंझुनूं लोकसभा सीट से सांसद बनकर राजनीति में आने वाले धनखड़ केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल का सफर करते हुए उप राष्ट्रपति पद तक पहुंचे। लोकसभा के नए स्पीकर ओम बिरला के नाम 3 नए रिकॉर्ड बन गए हैं।
श्री ओम बिरला, माननीय अध्यक्ष, लोक सभा का जीवन वृत्त
व्यक्तिगत जानकारी
जन्म दिनांक : 23 नवम्बर 1962
शिक्षा : एम.कॉम.
पिता : स्व. श्री श्रीकृष्ण बिरला जी
माता : स्व. श्रीमती शकुंतला देवी
पत्नी : डा. अमिता बिरला(एम.डी.-स्त्री रोग विशेषज्ञ)
पुत्री : श्रीमती आकांक्षा बिरला (चार्टर्ड एकाउंटेंट)
सुश्री अंजलि बिरला(IRPS-भारतीय रेल)
भाई-बहिन : छह भाई-तीन बहिन
(श्री ओम बिरला जी पांचवी संतान)
राजनीतिक जीवन
• जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा (1987-91)
• प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, राजस्थान राज्य (1991-1997)
• राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा (1997-2003)
• कोटा विधान सभा सीट से विधायक 2003 (पहले ही चुनाव में कद्दावर कांग्रेसी मंत्री शांति धारीवाल को 10101 वोट से हराया)
• कोटा दक्षिण विधान सभा सीट से विधायक 2008 (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कद्दावर मंत्री राम किशन वर्मा को 24252 वोट से हराया)
• कोटा दक्षिण विधान सभा सीट से विधायक 2013 (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पीसीसी महासचिव पंकज मेहता को 49439 वोट से हराया)
• कोटा-बूंदी लोक सभा सीट से सांसद 2014 (2009 से 2014 तक कांग्रेस पार्टी से सांसद इज्यराज सिंह को वोट 2 लाख 782 वोट से हराया )
• कोटा-बूंदी लोक सभा सीट से सांसद 2019 (वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा विधायक रामनारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार वोट से हराया)
• कोटा-बूंदी लोक सभा सीट से सांसद 2024 (भाजपा से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल को 42 हजार वोट से हराया)
• कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी जी के बाद लगातार तीन विधान सभा और तीन लोक सभा चुनाव जीतने वाले पहले जनप्रतिनिधि।
लोक सभा अध्यक्ष के रूप में उपलब्धियां
19 जून 2019 को सर्वसम्मति से 17वीं लोक सभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
प्रमुख उपलब्धियां
• संसद के नए भवन का निर्माण हुआ।
• 17वीं लोक सभा की उत्पादकता 97% रही जो पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक है।
• कोरोना महामारी के बीच आयोजित 17वीं लोक सभा के चौथे सत्र की उत्पादकता 167% रही जो लोक सभा के इतिहास में सर्वाधिक है।
• संसद के संचालन में वित्तीय अनुशासन को प्रोत्साहित कर 801 करोड़ की बचत की गई।
• 17वीं लोक सभा के दौरान 222 विधेयक कानून बनें जो पिछली तीन लोक सभा में सर्वाधिक है
• 17वीं लोक सभा के दौरान विधेयकों पर कुल 440.54 घंटे चर्चा हुई जो पिछली चार लोक सभा में सर्वाधिक है।
• 17वीं लोक सभा के दौरान विभिन्न विधेयकों पर कुल 2910 सदस्यों ने चर्चा की जो पिछली चार लोक सभा में सर्वाधिक है।
• ज्ञान के समृद्ध कोष संसद की लाइब्रेरी को दिनांक 17 अगस्त 2022 से आमजन के लिए खोल दिया गया।
अन्य उपलब्धियां
• पहले ही सत्र में 46 महिला सांसदों सहित सभी प्रथम निर्वाचित सदस्यों को अभिव्यक्ति का अवसर दिया।
• पहले सत्र में शून्यकाल के दौरान सदस्यों को 1066 विषय उठाने का अवसर दिया गया जो लोक सभा के इतिहास में किसी एक सत्र का रिकॉर्ड है।
• पहले सत्र के दौरान 18 जुलाई 2019 को शून्य काल के दौरान सदस्यों को 161 विषय उठाने का अवसर दिया गया जो लोक सभा के इतिहास में किसी एक दिन का रिकॉर्ड है।
• शून्य काल में उठाए गए विषयों पर भी माननीय सांसदों को उत्तर दिलवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई।
• माननीय सांसदों द्वारा नियम 377 के तहत उठाए गए विषयों के उत्तर मंत्रालयों द्वारा निर्धारित 30 दिन में देने पर कड़ाई से अमल करवाया गया। इस कारण 17वीं लोक सभा के दौरान लगभग 95 प्रतिशत विषयों पर माननीय सांसदों को प्रतिउत्तर प्राप्त हुए।
• सांसदों को सदन में की गई अभिव्यक्ति का वीडियो क्लिप तत्काल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई।
• श्री ओम बिरला के प्रयासों से 17वीं लोक सभा के दौरान ऐसा चार बार हुआ एक प्रश्नकाल में सभी 20 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए।
• माननीय सांसदों की क्षमता निर्माण के लिए सदन में आने वाले विभिन्न विधेयकों के संबंध में ब्रीफिंग सेशन की नवीन व्यवस्था प्रारंभ की गई।
• श्री ओम बिरला की पहले पर जनरल परपज कमेटी की बैठक 19 वर्ष बाद आयोजित की गई।
• श्री ओम बिरला की पहल पर देर रात तक सदन का संचालन हुआ जिसमें सभी सदस्यों ने सहयोग किया।
• लोकतंत्र सशक्तिकरण की पहल के तहत श्री ओम बिरला ने देश के लोक तंत्र के मंदिर संसद को देश की लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई पंचायत के पास लेकर गए। श्री ओम बिरला की पहल पर आउटरीच कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड, उत्तर पूर्व के राज्यों तथा जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया गया।
• श्री ओम बिरला की पहल पर संसद में महान विभूतियों की जयंती पर आयोजित होने वाले पुष्पांजलि कार्यक्रमों में स्कूली विद्यार्थियों एवं युवाओं को आमंत्रित करने का नवाचार किया गया।
• संसद में 1854 से 2024 तक हुई चर्चाओं का डिजिटलाइजेशन कर उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिया गया है।
• श्री ओम बिरला की पहल पर संसद में मिलने वाले भोजन की सब्सिडि समाप्त की गई।
संसद में पारित महत्वपूर्ण कानून
• जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 (धारा 370)
• नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (सी.ए.ए.)
• मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 (ट्रिपल तलाक)
• चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021
• भारतीय न्याय संहिता 2023
• भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
• भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023
• डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023
• नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण
• लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में जी-20 देशों की संसदों का पी-20 सम्मेलन 13 और 14 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि परिसर में आयोजित किया गया।
• एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसदें विषय पर आयोजित पी-20 सम्मेलन अब तक सबसे सफल पी-20 आयोजन रहा।
• सम्मेलन में 23 देशों/समूहों से 34 अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सम्मिलित हुए।
• श्री ओम बिरला के मार्गदर्शन में संयुक्त वक्तव्य पर आम सहमति बनना सम्मेलन की गौरवशाली उपलब्धि रही।
प्रगाढ़ हुए अन्तरराष्ट्रीय संबंध
• लोक सभा अध्यक्ष के रूप में श्री ओम बिरला ने अन्तरराष्ट्रीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाई।
• आईपीयू, कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन और इन जैसे अनेक महत्वपूर्ण मंचों पर श्री ओम बिरला ने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की गौरवशाली संस्कृति का मान बढ़ाया।
• विगत पांच वर्षों में श्री ओम बिरला ने मालदीव, युगांडा, सर्बिया, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इटली, वियतनाम, कम्बोडिया, सिंगापुर, मैक्सिको, सूरिनाम, इण्डोनेशिया, केन्या, तंजानिया, मंगोलिया, संयुक्त अरब अमिरात और बहरीन की यात्रा।
• इसके अतिरिक्त उन्होंने अर्मेनिया, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपियन संसद, फ्रांस मैक्सिको, डेनमार्क, जर्मनी, कनाडा, वियतनाम, दक्षिण सूडान, इजराइल, भूटान, जाम्बिया, नेपाल, सूरिनाम से आए संसदीय शिष्टमंडलों की मेजबानी की।
सामाजिक प्रकल्प
• सुपोषित मां अभियान: संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के वंचित परिवारों की 8500 से अधिक गर्भवती महिलाओं में पोषण की कमी दूर करने के लिए उन्हें प्रसव होने तक प्रतिमाह पोषण किट दी गई। इस अभियान की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की।
• दिव्यांगजनों को संबल: दिव्यांगजन और वरिष्ठजन अपनी क्षमता और सामर्थ्य के अनुरूप देश के प्रति योगदान दे सकें, इसके लिए श्री ओम बिरला ने संसदीय क्षेत्र कोटा में विभिन्न सरकारी योजनाओं और जनसहयोग से करीब 3900 दिव्यांग और वरिष्ठजनों को करीब 6 करोड़ रूपए के सहायक उपकरण भेंट किए।
• हॉस्पिटल ऑन व्हील्स: संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के दूरस्थ गांवों तक विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए हॉस्पिटल ऑन व्हील्स सेवा का संचालन किया गया। इस सेवा के तहत कोटा-बूंदी के 1497 गांवों में जाकर इस सेवा के माध्यम से 1 लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। 600 से अधिक गंभीर रोगियों को एम्स नई दिल्ली सहित अन्य बड़े अस्पतालों में उपचार करवाया गया।
• शीतल छांव: सड़क किनारे बैठ कर काम करने वाले व्यक्तियों को ‘‘श्रमवीरों‘‘ की संज्ञा देकर उनको बड़े छातों का वितरण किया गया ताकि वे सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में अपना कार्य सुचारू रूप से कर आजीविका कमा सकें।
• चप्पल वितरण: गर्मी के मौसम में सड़क पर नंगे पैर चलने वाले लोगों के लिए श्री ओम बिरला ने चप्पल वितरण अभियान विगत एक दशक से भी अधिक समय से संचालित कर रखा है।
• कम्बल निधि: कोटा-बूंदी के सभी राजकीय चिकित्सालयों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों के तीमसारदार सर्दी के मौसम में परेशान नहीं हो इसके लिए श्री ओम बिरला की पहल पर हर वर्ष कम्बल निधि का संचालन किया जाता है। कम्बल निधि के माध्यम से कम्बल और गर्म बिस्तर निशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है। यह प्रकल्प 2007 से निरंतर संचालित किया जा रहा है।
• स्वेटर वितरण: कोटा-बूंदी के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे सर्दी के मौसम में परेशान नहीं हों, इसके लिए उन्हें स्वेटर भेंट किए जा रहे हैं। अब तक 60 हजार से अधिक बच्चों को स्वेटर भेंट किए जा चुके हैं।
• पौधारोपण: कोटा-बूंदी क्षेत्र को हराभरा रखने के लिए श्री ओम बिरला की पहल पर प्रति वर्ष पौधारोपण अभियान का आयोजन किया जाता है। इस अभियान को नया स्वरूप देने के लिए विगत 3 वर्षों से फलदार पौधों का वितरण किया जा रहा है।
• परिधान उपहार केंद्र: वंचित वर्ग के लोगों के तन ढकने के लिए करीब दो दशक से भी अधिक समय से निशुल्क परिधान उपहार केंद्र संचालित है। प्रबुद्ध वर्ग यहां जो अनुपयोगी कपड़े भेंट कर जाते हैं, उन्हें ससम्मान वंचित लोगों को भेंट किया जाता है।
महिला सशक्तिकरण
महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी श्री ओम बिरला ने अनेक प्रशंसनीय-अनुकरणीय पहल की हैं।
• टिफिन विद दीदी: टिफिन विद दीदी प्रकल्प के तहत श्री ओम बिरला ने कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के साथ उनके घर से लाया गया भोजन किया। इस दौरान संवाद करते हुए उनकी चुनौतियों को समझा तथा उनके बनाए गए उत्पादों के लिए बाजार तैयार करने के उद्देश्य से उन्हें सीधे कम्पनियों से जोड़ने का प्रयास किया।
• सिलाई मशीन वितरण: वंचित वर्ग की महिलाओं के सशक्तिकरण तथा उन्हें आय का स्रोत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पहले श्री ओम बिरला ने उन्हें सिलाई का प्रशिक्षण दिलावाया। प्रशिक्षण उपरांत महिलाओं को सिलाई मशीन भेंट की गई।
संकलन : देवेंद्र सक्सेना, समाज सेवी, तबला वादक, शिक्षक कला कन्या महाविद्यालय कोटा राजस्थान