हरिद्वार:  श्री नटराज रामलीला समिति सामुदायिक केंद्र सेक्टर 4 के तत्वाधान में आयोजित रामलीला कलाकारों के द्वारा 42 वी श्री रामसीता स्वयंवर,रावण–बाणासुर व लक्ष्मण–परशुराम संवाद के दृश्य का सजीव मंचन किया गया।

पांचवे दिन की लीला के विशेष दृश्य सीता स्वयंवर में महाराजा जनक घोषणा करते हुए कहते हैं कि जो भी राजा धनुष का खंडन करेगा उस राजा से अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे ।

घोषणा को सुनकर संसार के विभिन्न राज्यों से आए राजाओं ने एक-एक करके धनुष को खंडन करने का प्रयास किया लेकिन सभी राजा विफल रहे।

यह सब देखकर मुनि विश्वामित्र ने भगवान श्रीराम को धनुष का खंडन करने का आदेश श्री राम को दिया,,अपने गुरु के आदेश का पालन करते हुए श्री राम धनुष को तिनके के समान उठा कर उसका खंडन कर देते है।

श्री राम के द्वारा धनुष तोड़ने के बाद सीता ने भगवान राम के गले में जयमाला डाल दी जिसपर सभी देवी देवताओं ने पुष्प वर्षा कर दोनों को आशीर्वाद दिया परंतु अपने इष्ट भगवान शिव के धनुष खंडन से अत्यंत क्रोधित होकर भगवान परशुराम व लक्ष्मण जी के संवाद को हजारों की संख्या में स्थानीय व आसपास के गांव से आए दर्शकों ने खूब सराहा,

लीला के मुख्य अतिथि विशाल गर्ग जी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा एवम समाज सेवी तथा विक्रम सिंह वरिष्ठ समाजसेवी जी ने अपनी उपस्थिति से अपना आशीर्वाद रामलीला समिति को दिया ।।

रावण के जीवंत पात्र का अभिनय दिग्गज कलाकार अमरीश प्रजापति जी, बाणासुर के किरदार में अतुल चौहान जी, परशुराम श्याम कश्यप जी,विश्वामित्र सुरेश मामा, श्रीराम महेश सैनी जी, लक्ष्मण सुमित कुशवाहा,सीता पिंकी कुशवाह जनक वरिष्ठ विमल चंद्र जी ,अहिल्या का अभिनय युवा वंश द्वारा किया गया जिसको दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया।

मंच निर्देशन श्री अवधेश सिंह,श्री सुशील त्रिपाठी जी और समस्त समिति पदाधिकारीयो के साथ लगातार श्री राम लीला के अविरल प्रवाह के लिए एक महीने से किया जा रहा है।।