संजीव शर्मा, नवल टाइम्स न्यूज़:उत्तरकाशी में भूकंप की खबर के बाद सोशल मीडिया पर सूरज के इर्द-गिर्द एक सतरंगी रिंग की तस्वीर खूब वायरल हो रही है लोग फेसबुक पर फोटो और वीडियो अपलोड कर इस संबंध में जानकारी पूछ रहे हैं आखिर ऐसा क्यों हो रहा है आसमान में सूरज के इर्द-गिर्द ऐसा घेरा क्यों बन रहा है
कोई इसे उत्तरकाशी के भूकंप के झटकों से जोड़ रहा है तो कोई इसे प्राकृतिक बता रहा है आपको बता दें उत्तरकाशी के भूकंप के झटकों से इसका कोई लेना देना नहीं है
सभी इस मामले में अलग-अलग तर्क दे रहे हैं कोई इसे बादलों का अट्रैक्शन बता रहा है तो कोई बारिश के बाद सूर्य का घेरा बता रहे हैं लेकिन आपको बता दें यह एक आम प्रक्रिया है वर्ष के 365 दिन में से 100 दिन यह घटना अलग-अलग जगह देखी जाती है इसे सन हेलोस इफेक्ट कहते हैं
क्या है सन हेलोस इफेक्ट
मौसम वैज्ञानिक विक्रम सिंह के अनुसार हेलोस इफेक्ट एक ऑप्टिकल फानोमिना है इसे आइएस क्रिस्टल हेलोस फिनोमिना भी कहते हैं जब भी हमारे एटमॉस्फेयर में धूल के कण की संख्या ज्यादा हो जाती है तो यह हमारे पर्यावरण में नमी के साथ मिल जाती है फिर यह धूल के कण क्रिस्टल की तरह यानी कि कांच की तरह लगने लगते हैं फिर जब इन से सूरज की रोशनी टकराती है तो यह सूरज के चारों ओर एक 22 डिग्री के रेडियस में एक गोल्ड रिंग क्रिएट कर देते हैं ऐसा ही चांद के साथ भी होता है यदि आपको चांद के चारों और ऐसी रिंग दिखाई दे तो उसे मून हेलोस इफेक्ट कहते हैं और सूरज के चारों तरफ सन हेलोस इफेक्ट