अभिनव कौशिक,एनटीन्यूज़ हरिद्वार, 14 सितंबर 2021: उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हिंदी एवं भाषा विज्ञान के शोधार्थियों द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर एक दिवसीय हिंदी परिचर्चा ई. संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के सीनियर शोध छात्र कुलदीप गौतम ने “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपेक्ष में : हिंदी भाषा” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि “नई शिक्षा नीति में जिस तरह से प्राथमिक तौर पर मातृभाषा के प्रभाव को समायोजित करते हुए हिंदी भाषा के महत्व को भी सम्मिलित किया हैं वह हिंदी के प्रभुत्व को स्थापित करते हुए भविष्य में हिंदी युग की स्थापना का कारक बनेगा ।
उन्होंने कहा कि हिंदी के साथ साथ भारतीय भाषाओं का भी महत्व बने यही नई शिक्षा नीति का भारतीय भाषाओं के विषय में प्रमुख ध्येय है हिंदी युग का आरंभ तभी माना जाएगा , जब बाजार हिंदी भाषा सहित भारतीय भाषाओं को अपनाएगा । भाषा को जब तक बाजार नहीं अपनाता तब तक भाषा का विकास खोखला है । उदहारण के लिए चीन को देखें , चाइनीज भाषा को स्थानीय बाजार ने अपना रखा है , वे अपना कार्यव्यवहार चाइनीज भाषा में करते है तो उनका सांस्कतिक ढांचा भी संरक्षित है और भाषा भी
साथ ही कहा कि भारत ने वर्षों की तपस्या और माँग अनुरूप वर्ष 2020 में जारी शिक्षा नीति द्वारा प्राथमिकी शिक्षा में मातृभाषा की अनिवार्यता को अपना कर भारत भर में निज भाषा में शिक्षा के महत्व को प्रतिपादित किया हैं ।
द्वितीय वक्ता के रूप में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के शोध छात्र ललित शर्मा कहा कि हिंदी को विश्व मंच पर स्थापित करने के लिए हमें और अथक प्रयास करने होंगे
शोध छात्र दीपक वशिष्ठ ने कहा कि हमें हिंदी को अपने आचरण में उतारना होगा तभी हिंदी की सार्थकता सिद्ध हो पाएगी हिंदी दिवस पर आयोजित एक दिवसीय परिचर्चा संगोष्ठी की अध्यक्षता उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के शोध छात्र शिवचरण नौडियाल तथा गढ़वाल विश्वविद्यालय के शोध छात्र विवेक मंमगाई ने की.
कार्यक्रम का संयोजन तथा संचालन अनूप बहुखंडी ने किया कार्यक्रम में रीना अग्रवाल,प्रीत कौर,रिचा,आशीष सेमवाल,नरेंद्र थपलियाल,आशीष पोखरियाल,नरेंद्र कुमार, विमल बडोनी, ललित कुमार, हरीश जोशी आदि लोग उपस्थित रहे!