हरिद्वार: देवसंस्कृति विवि के मातृभूमि मण्डपम् में सामूहिक मृदंग वादन का आयोजन किया गया।

प्रसिद्ध मृदंग वादक संतोष नामदेव के नेतृत्व में सात वर्षीय सृजन शर्मा सहित 28 मृदंग वादकों द्वारा विशेष ताल के प्रस्तुतिकरण ने प्राचीन वाद्ययंत्र के प्रति आकर्षित किया।

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित प्राचीन वाद्ययंत्र मृदंग का सामूहिक वादन कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजन रहा। इसका उद्देश्य मृदंग की महत्ता और इसकी संयोजकता को प्रदर्शित करना था।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्रों और संगीत प्रेमियों ने भाग लिया और एक साथ मिलकर इस शास्त्रीय वाद्ययंत्र के अद्भुत संगीत की प्रस्तुतियां दी।

आयोजन में विभिन्न शैलियों और तालों में मृदंग वादन किया गया। जिससे दर्शकों को भारतीय संगीत की विविधता और गहराई को महसूस करने का अवसर मिला। इस प्रकार के सामूहिक वादन कार्यक्रम न केवल कलाकारों को एक मंच प्रदान करते हैं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को भी आगे बढ़ाते हैं। विशेषज्ञ संगीतज्ञों और शिक्षकों ने कार्यक्रम में शामिल होकर छात्रों को मार्गदर्शन दिया। जिससे उन्हें मृदंग की तकनीकी विशेषताओं और उसके इतिहास के बारे में अधिक जानकारी मिली।

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