हरिद्वार: वक्फ बोर्ड की संपत्ति धोखाधड़ी से बेचने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

आरोप है कि धोखाधड़ी के बाद सदमे से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी की मौत हो गई। तीनों आरोपियों ने कर्मचारी की पत्नी से गाली गलौल कर हत्या करने की धमकी दी है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में ईदगाह कमेटी के कोषाध्यक्ष शमीम अहमद और उसके दो साथियों द्वारा मिलकर एक स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बेचकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है।

पुलिस के मुताबिक लोधामंडी निवासी फातिमा पत्नी स्व. इंतजार अहमद ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि पति इंतजार की नौकरी सीएमओ कार्यालय में लगने के बाद कैराना जिला शामली से परिवार ज्वालापुर लोधामंडी आकर शाहिद हुसैन के घर किराये पर रहने लगा।

पति मकान की तलाश में थे। इस दौरान मकान मालिक शाहिद हुसैन ने अपने चाचा मोहम्मद शमीम से पति इंतजार को मिलवाया।

आरोप है कि साजिश कर पूर्व में तैयार फर्जी कागज पति को दिखाते हुए 30 जुलाई 2005 को एक प्लॉट का बैनामा 2.40 लाख में शमीम ने पति को कर दिया। चाचा और भतीजे ने प्लॉट अपनी निजी संपत्ति बताते हुए बेच दिया।

सात फरवरी 2022 को पति के नाम वक्फ बोर्ड देहरादून से नोटिस आया। नोटिस मिलने पर मालूम हुआ कि शमीम अहमद और शाहिद हुसैन ने धोखाधड़ी से वक्फ बोर्ड के सीईओ के नाम से फर्जी पत्र तैयार कर वक्फ बोर्ड की संपत्ति का बैनामा पति को किया है। वक्फ बोर्ड की संपत्ति को ठिकाने लगाने के लिए कई दफा प्लॉट का बैनामा किया गया।

आरोप है कि धोखाधड़ी का पता चलने के बाद सदमे में 10 फरवरी 2022 को इंतजार की मौत हो गई। आरोप है की बात करने पर शाहिद, शमीम और पुत्र नदीम ने गाली गलौज करते हुए धमकी दी। कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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