हरिद्वार: हरिद्वार के पथरी थाना क्षेत्र के फूलपुर में अवैध शराब से हुई मौतों की घटना से एक बार फिर आबकारी विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए है।

सवाल आबकारी के प्रवर्तन विभाग का पर सबसे अधिक खड़े हो रहे है। जो जिले में अवैध शराब की बिक्री पर लगाम लगाने में एक तरह से नाकाम ही साबित हुई शायद यही वजह है कि हरिद्वार में अवैध शराब ने मौत का तांडव मचा दिया और 4 लोगों का जीवन लीला समाप्त कर दी।

बताते चलें की इससे पहले भी 2019 में झबरेड़ा-भगवानपुर में अवैध शराब मौत का तांडव मचा चुकी है जिसमे करीब 39 लोगों की जान चली गई थी। जिसके कुछ दिनों बाद ही 2019 में देहरादून में भी अवैध शराब लोगों के जीवन पर हावी हो गई थी जिसमे 9 लोगों को जीवन से हाथ धोना पड़ा था।

प्रवर्तन विभाग का ढुलमुल रवैया

दरअसल जिले में अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए प्रवर्तन विभाग की बड़ी जिम्मेदारी होती है लेकिन शराब कांड के ये बड़े मामले और शहर से लेकर गांव तक हर गली नुक्कड़ में बिकती अवैध शराब प्रवर्तन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है।

मजे की बात देखिए पथरी थाना क्षेत्र के फूलपुर में हुई आज की घटना से कुछ दिन पहले ही विभाग द्वारा छापेमारी की गई थी। जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा बताते है कि कुछ दिन पहले ही उस इलाके में छापेमारी कीगई थी और मुकदमा भी दर्ज किया गया था।

साल भर में प्रवर्तन विभाग ने अवैध शराब को लेकर कितनी छापेमारी किस बाबत मिश्रा जी के पास कोई आंकड़ा मौजूद नही था। प्रवर्तन अधिकारी से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नही हुआ।

इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रवर्तन अधिकारी का फोन भी न उठ पाना कार्य की गंभीरता को दर्शाता है।