हरिद्वार: प्रशासन ने  अगर हरिद्वार नगरी में जबरदस्ती कॉरिडोर थोपने की कोशिश की तो शहर व्यापारमंडल ज्वालापुर जिला व्यापारमंडल हरिद्वार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रशासन की जबरदस्ती का खुलकर विरोध करेगा।

शहर व्यापारमंडल ज्वालापुर के शहर अध्यक्ष विपिन गुप्ता और शहर महामंत्री विक्की तनेजा ने कहा प्रशासन अपनी नाकामी को कॉरिडोर का नाम देकर स्थानीय नागरिकों और स्थानीय व्यापारियों को बेवकूफ बनाना चाह रहा है।

जो की प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड की इकाई जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल की टीम होने नही देगी।

हरिद्वार एक विश्वप्रसिद्ध तीर्थ स्थल है इसकी प्राचीन इमारतें, प्राचीन मंदिर, प्राचीन बाजार, प्राचीन धर्मशालाएं, हरिद्वार की छवि में चार चांद लगाते है जिससे तीर्थ यात्री हरिद्वार की ओर खींचा चला आता है और स्थानीय व्यापारियों के साथ साथ प्रदेश सरकार को भी विभिन्न माध्यमों से टैक्स की प्राप्ति होती है।

प्रशासन स्थानीय लोगो पर तो कॉरिडोर नाम का चाबुक चलाने को तैयार है लेकिन कॉरिडोर बनाने की अवशता क्यों हो रही है उसका कारण जानकर भी सभी अधिकारी अनजान बने बैठे है।

हरिद्वार शहर में सबसे ज्यादा दिक्कत लगातार बढ रहे E-Rikshaw की संख्या है क्योंकि प्रशासन को सिर्फ अपने रोड टैक्स और GST से मतलब है फिर चाहे सड़को पर पैदल चलने की जगह न हो लेकिन वहाँ E-रिक्शा जरूर घुसे मिलेंगे।

इस सब पर अगर आर टी ओ लगाम लगाए तो स्तिथि नियंत्रण में आ सकती है अर्थात सड़क की क्षमता के अनुसार परमिट दिए जाए।

दूसरा प्रमुख कारण है अतिक्रमण, अगर व्यापारी अतिक्रमण की बात उठता है उसका खामियाजा भी व्यापारी को ही भुगतना पड़ता है किसी दुकान की सीढ़ी तोड़ दी जाती है किसी दुकान का बोर्ड तोड़ दिया जाता है जबकि उससे यातायात नही रुकता। प्रशासन खुद अपने गिरेबान में नही झांकता ।

जबकि CCR tower जो की एक व्यस्तम स्थान पर बना हुआ है जहा जिले और प्रदेश के सभी बड़े बड़े अधिकार और नेताओं का रोज आना जाना लगा रहता है, उसके चारो ओर का अतिक्रमण प्रशासन को शायद दिखाई नहीं देता।

दुनिया भर के प्लास्टिक बेचने वाले, पन्नी बेचने वाले, माला, टोपी, कपड़े, प्रसाद और ढाबा तक चलने वालो का कब्जा और अतिक्रमण प्रशासन की नाकामी साबित करने के लिए काफी है।

प्रशासन को कॉरिडोर बनाने की प्लानिंग से पहले जो हमारे प्रशासन को जिन बातो में सुधार करने की आवश्कता है उस ओर ध्यान देना चाहिए।

सेक्टर 2 बैरियर के पास खोखे रखवाकर नगर निगम द्वारा जो अतिक्रमण करवाकर यातायात बाधित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिसको PWD or trafic विभाग द्वारा अपनी रिपोर्ट में गलत ठहराया है इस सबकी कॉपी आपत्ति पत्र के साथ DM साहब को दिए हुए आज लगभग 3 माह बीत चुके है उस पर तो आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

इस तरह के हजारों उदाहरण है जिस और प्रशासन को ध्यान देने की आवश्कता है।