हरिद्वार 25-8-24 : हरिद्वार जनपद की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लखपति दीदियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को देखा और उससे यह प्रेरणा ली कि किस तरह बेस्ट मटेरियल से उपयोग में करने वाली चीजें बनाई जा सकती है।
इस कार्यक्रम को देखकर लखपति दीदियों का समूह बेहद प्रफुल्लित था। प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के बाद एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए लगाया गया।
लखपति दीदी योजना के तहत सरकार 2 करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है। हरिद्वार में भी केंद्र सरकार की इस पहल को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह है।
उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जनपद स्तर एक दिवसीय लखपति दीदी प्रशिक्षण कार्यशाला का आज विकास भवन सभागार आयोजन किया गया। जिसमें ये महिलाएं अपने जीवन में आत्मनिर्भर और सशक्त किरदार निभाना चाहती हैं।
इस योजना का लाभ उठाकर खुद को प्रशिक्षित कर सफलता की लंबी उड़ान भरने को बेताब हैं।जिसमें समूहों के माध्यम से विभिन्न व्यवसाय करने वाली लखपति दीदियों को व्यवसाय से संबंधित विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में महिलाओं को लखपति बनाने एवं व्यवसाय को और अधिक उन्नत बनाने के तरीकों के बारे में बताया गया।कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।
जिला सहायक परियोजना निदेशक एवं राष्ट्रीय आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक अधिकारी सुश्री नलिनीत घिल्ड़ियाल ने बताया कि इस साल पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था जो पूरा हुआ और अगले साल 24- 25 वित्तीय वर्ष के लिए 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिसे पूरा करने के लिए हरिद्वार जनपद में तेजी से कार्य किया जा रहा है। और वह लक्ष्हय भी प्राप्त कर लेंगे।
बहादराबाद की रहने वली स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लाभार्थी लखपति दीदी मंजू ने बताया कि हमने स्वयं सहायता समूह का गठन राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से किया और आज हमारी आय एक लाख से ऊपर पहुंच गई है। और हमें भी रोजगार मिला है।
हरिद्वार जनपद के मंजूवास ग्राम की रहने वाली स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई सुश्री गुलशन का कहना है कि केंद्र सरकार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके सशक्तिकरण करने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से हमें रोजगार मिला है और हम महिलाएं लखपति बनी है। हमारा आर्थिक स्तर बढ़ा है। इस तरह कई स्वयं सहायता समूह से जुड़ी कई महिलाओं ने अपने-अपने अनुभव साझा किये।