हरिद्वार: शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में ज्ञान कुंभ के आयोजन को लेकर आयोजन समिति की एक बैठक देव संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में संपन्न हुई।
ज्ञान कुंभ को लेकर न्यास एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ समन्वय करते हुए विस्तृत योजना बनाई गई।
ज्ञान कुंभ की थीम शिक्षा से आत्मनिर्भर भारत, पशुपालन,कृषि बागवानी,कौशल विकास, पर्यटन, योग एवं खेल, स्वास्थ्य, भारतीय ज्ञान परंपरा, लोक कला, भारतीय भाषाओं एवं आध्यात्मिक उन्नति से आत्मनिर्भर भारत कैसे बन सकता है इन विभिन्न विषयों को लेकर के दो दिन तक मंथन किया जाएगा।
बैठक में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के क्षेत्रीय संयोजक जगराम ने बताया कि भारतवर्ष के चार विभिन्न स्थानों पर लगने वाले ज्ञान कुंभ का आगाज हरिद्वार से होगा।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले ज्ञान कुंभ दक्षिण के पांडिचेरी, पूर्व में नालंदा, पश्चिम में कर्णावती एवं उत्तर में हरिद्वार में ज्ञान कुंभ आयोजित किए जाएंगे।ज्ञान कुंभ में न्यास द्वारा देश के शीर्षस्थ विश्वविद्यालय के साथ ही आई.आई.टी., एन. आई. की. केंद्रीय विश्वविद्यालय,राज्य विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय, स्कूली शिक्षा से जुड़े हुए विभिन्न संस्थाओं से लगभग डेढ़ हजार से अधिक शिक्षक, शिक्षाविद, शोधार्थी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहेंगे इस हेतु विभिन्न प्रकार की समितियां का निर्माण किया गया।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि ज्ञान कुंभ को सफल बनाने के लिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय की तरफ से व्यापक स्तर पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं देव संस्कृति विश्वविद्यालय विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से आने वाले शिक्षाविदों के स्वागत के लिए तैयार है।
उन्होंने बताया कि ज्ञान कुंभ को ऐतिहासिक एवं अद्वितीय बनाने का प्रयास किया जाएगा।
बैठक में मुख्य रूप से ज्ञान कुंभ के राष्ट्रीय संयोजक संजय स्वामी, प्रांत अध्यक्ष डॉ विनोद कुमार , प्रांत संयोजक डॉ अशोक मंडोला, क्षेत्रीय संयोजक चरित्र निर्माण अलंकार शर्मा, राम अवतार,प्रांत सहसंयोजक डॉ अनुज शर्मा, डॉ पंकज कुमार, डॉ दिनेश, डॉ.एस.बी.सिंह, डॉ गिरीश जोशी, डॉ हिमांशु पंडित, डॉ आनंद, विनोद जुगरान, तनुजा पोखरियाल,डॉ शैलेंद्र, डॉ शिवराज, डॉ कमल, यशपाल सिंह, राहुल कुमार, डॉ नवीन पंत सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।