हरिद्वार: एक तरफ मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी,देश विदेश जा-जा कर इन्वेस्टर सम्मिट के माध्यम से उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्र में सुविधाओं का बखान कर उधोग लगाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहें हैं।
वहीं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही उनके मनसूबे पर पलीता लगा रहा है।
बताते चलें कि राजा बिस्किट से बहादराबाद गंग नहर तक करीब 3 किलोमीटर सिडकुल बाईपास रोड के दोनों तरफ नाले निर्माण कराया गया है।
करीब 8 फ़ीट चौड़ाई के गड्ढे खोदी गये, जिसमे हर एक फुट पर 1 ट्राली मिट्टी निकाली गयी। हर ट्राली की कीमत 1,500 रुपये के अनुसार से कई करोड़ की मिट्टी बेच दी गयी। 4 फ़ीट नाले निर्माण के बाद बचे 4 फ़ीट गड्ढा को भरना था।
लेकिन जानबूझकर बिलम्ब किया जा रहा है ताकि जरुरतमंद भवन स्वामी जिनके बिल्डिंग में प्रवेश में परेशानी होगी वे मजबूरी बस खुद भरवा लेगा,या जिसका पहुंच ऊपर तक होगा उसके बिल्डिंग के सामने बचे 4 फ़ीट गड्ढा भर दिया जायेगा।
समझने की बात है कि खुदाई द्वारा निकली करोड़ो की मिट्टी किसने हजम कर लिया? इसमें किस किस बिभाग की संलिप्तता है। यह जाँच की विषय है।
विदित हो की बरसात के वजह से कई भवन को नुकसान होना लाजिमी है । इसकी भरपाई की क्या व्यवस्था बिभाग द्वारा निर्धारित की गयी है।
इसकी स्पस्टीकरण सिडकुल बाईपास से जुड़े बिल्डिंग स्वामी एवं व्यापारी को मिलना चाहिए। इस लूट में शामिल लोग मालामाल हो गए। वही बिल्डिंग स्वामी एवं करोबारी गड्ढे कीचड़ और बिल्डिंग दरकने के खौफ के साये में बदस्तूर जी रहे है।
विदित हो कि सिडकुल बाईपास के अधिकांश लाभार्थी कई राज्यों के उधोगपति है।