हिन्दी दिवस पर आरना जैन द्वारा रचित कविता स्वाभिमान से खड़ी-हिंदी, आरना जो कक्षा 8 की छात्रा हैं, के द्वारा रचित हिन्दी दिवस पर हिन्दी को समर्पित बहुत ही सुंदर कविता……….

स्वाभिमान से खड़ी- हिंदी

मेरे देश में हैं,

बाईस राज भाषा,

इनकी बड़ी बहन

एक, राष्ट्रभाषा….

इस देश की बिंदी,

मेरी, मेरे देश की हिंदी ।

जोड़ती देश को,

छोड़कर द्वेष को

हिंदी….

हिंदी, सबको अपनाती है,

देवनागरी में लिखी जाती है..

संस्कृति की आत्मा है,

सरलतम है…,

ऐतिहासिक है,

प्राचीनतम है।

 

जड़े हैं इसकी

सिंधु घाटी में,

कण कण मे,

देश की माटी में।

 

उठो, चलो, युवाओं….

संभालो इसे,

ये राष्ट्रभाषा है,

बचालो इसे।

ये संस्कृति है,

प्राण है,

आवाज है देश की

जान है।।

स्वाभिमान से खड़ी है देखो….विदेशी भाषाओं

की आंधी में,

ध्यान रहे….

राष्ट्रभाषा के बिना देश गूंगा है,

कहा, गांधी ने।।

रचयिता:  आरना जैन