उत्तराखंड में भारी बारिश से आई आपदा के बाद लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रुद्रप्रयाग मुख्यालय स्थित केदारनाथ हाईवे पर हनुमान मंदिर से संगम बाजार तक पहाड़ी से हर दिन पत्थरों की बरसात हो रही है। पैदल चलने वाले लोग और वाहन चालक पत्थर गिरते समय जान बचाकर भाग रहे हैं। यदि इस संवेदनशील स्थान में जल्द सुरक्षा के इंतजाम न हुए तो कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है।
बीते कई सालों से नगर रुद्रप्रयाग में प्राचीन हनुमान मंदिर से लेकर संगम बाजार और लोनिवि कार्यालय तक पहाड़ी से पत्थर गिरने का सिलसिला जारी है। इस स्थान पर पूर्व में भी जनहानि हुई है जबकि बीते कुछ दिन पहले यहां एक यात्री की पत्थर लगने से मौत हुई। इस घटना के बाद भी लगातार पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। कई बार हाईवे के दोनों ओर वाहन काफी देर तक रुक रहे हैं।
शनिवार सुबह पहाड़ी से जंगली जानवरों के साथ ही बंदरों की आवाजाही होने से काफी देर तक पत्थरों की बरसात होती रही। इस दौरान कई वाहन भी बाल-बाल बचे। पैदल चलने वाले लोग, दूध और सब्जी के साथ ही कई जरूरी सामग्री लेने आए गांव के लोग भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते दिखे।धीरे-धीरे पहाड़ी से बड़े बोल्डर गिरने का भी भय बना है। ऐसे में किसी बड़ी दुर्घटना होने से पहले पहाड़ी पर ट्रीटमेंट कर लोगों की सुरक्षा के इंतजाम किए जाने जरूरी है।
स्थानीय निवासी जितार सिंह जगवाण, अशोक चौधरी, यशवंत बिष्ट, चन्द्रमोहन गुंसाई, व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अकुंर खन्ना, नगर अध्यक्ष चन्द्रमोहन सेमवाल, जितेंद्र खन्ना, दीपांशु भट्ट, किशोरी नंदन डोभाल, प्रदीप चौधरी आदि ने कहा कि वर्षो से खतरा बनी पहाड़ी से लोगों की सुरक्षा के प्रति शासन-प्रशासन और पुलिस का कोई ध्यान नहीं है।