• 8 लोगों के खिलाफ  मुकदमे दर्ज

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के दवा और उपकरणों में अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एम्स ऋषिकेश के पांच अधिकारियों समेत 8 लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। इसके अलावा सीबीआई ने 24 अन्य जगहों पर भी छापेमारी की।

आरोप है कि रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद में करीब 2.41 करोड़ रुपये और मेडिकल स्टोर की स्थापना के लिए टेंडर के पुरस्कार में 2 करोड़ रुपये का कथित नुकसान एम्स को हुआ।

दोनों मामलों में आज उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित 24 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। सीबीआई की टीम अभी मामले की जांच कर रही है।

सीबीआई ने जो दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, उनमें घोटाले के दौरान तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर, तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी, एम्स के तत्कालीन लेखा अधिकारी, ऋषिकेश (उत्तराखंड), नई दिल्ली स्थित निजी फर्म के मालिक का नाम शामिल है।

आरोप है कि आरोपी ने लोक सेवकों की निविदा प्रक्रिया से संबंधित भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का घोर उल्लंघन किया। फर्जी आधार पर प्रतिष्ठित बोली दाताओं की बेईमानी से जांच की और उन महत्वहीन फर्मों को अनुमति दी। जिन्होंने अपने निविदा दस्तावेजों में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था। यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने इन निविदाओं में कार्टेल गठन के अस्तित्व को जानबूझकर नजरअंदाज किया। इसके बाद आरोपी ने कथित तौर पर अपराध के महत्वपूर्ण सुबूतों को गायब कर दिया।