राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ में गांधी जयंती एवं शास्त्री जयंती मनाई गई ।सर्वप्रथम प्रातः 8:00 बजे प्रभारी प्राचार्य डॉ शैला जोशी ने राष्ट्रध्वज फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की,
तत्पश्चात कंप्यूटर कक्ष में गांधी जी एवं शास्त्री जी के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया,
कार्यक्रम का संचालन एनएसएस प्रभारी डॉ कृष्णा डबराल द्वारा किया गया ,जिनमें उन्होंने गांधीजी एवं शास्त्री जी की योगदान की रूपरेखा प्रस्तुत की उन्होंने अपने गीत -दे दी हमें आजाद बिना प्रस्तुत किया ।
महाविद्यालय में इस अवसर पर गांधी जी एवं शास्त्री जी के राष्ट्र निर्माण में किए गए योगदान को व्याख्यान के माध्यम से समझा गया।इस क्रम में एनएसएस के स्वयंसेवकों ने प्रतिभाग किया और अपने विचार प्रस्तुत किए जिनमें -कुलबीर सिंह पवार, जतिन ,कुमारी आसमा ,आकाश ,शुभम नौटियाल ,सलोनी ,जितेंद्र नाथ आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किए ।
इतिहास विषय के प्राध्यापक डॉ खुशपाल ने कहा कि गांधी जी ने अपने सिद्धांतों को अपने व्यवहार में लाया एवं सभी संप्रदाय के लोगों को एक संगठित अवस्था में लाने का प्रयास किया साथ ही उन्होंने कहा की लाल बहादुर शास्त्री द्वितीय प्रधानमंत्री हुए लेकिन वे व्यावहारिक रूप में अद्वितीय थे।
अंत में प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर शैला जोशी ने कहा कि गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी दोनों का सरल व्यक्तित्व था गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग का अनुसरण किया जिसे कि वे अन्त तक इसी मार्ग पर चलते रहे और समाज को एक अच्छा संदेश प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि शास्त्री जी एक साधारण व्यक्ति की भांति लगते हैं लेकिन राजनीतिक रूप में वे असाधारण थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया कि हमें गांधीजी और शास्त्री जी के विचारों को अपने जीवन में उतारना चाहिए तभी जाकर उनकी जयंती मनाना सार्थक सिद्ध होगा ।अंत में एनएसएस के स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय परिसर एवं नगरपालिका परिसर में स्वच्छता अभियान के तहत सफाई की ।
इस अवसर पर डॉक्टर बृजेश चौहान, श्री एम एल शाह, डॉ रामचंद्र नौटियाल, श्री स्वर्ण सिंह गुलेरिया, धनराज बिष्ट, हिमानी रमोला , विजयलक्ष्मी, जय प्रकाश भट्ट, अमीर चन्द, सुनील गैरोला ,सुरेश रमोला, सुनील रमोला आदि उपस्थित रहे।