उत्तराखण्ड: बिजली उपभोक्ताओं को जल्दी लग सकता है झटका ।
राज्य में बिजली दरें एक बार फिर से पांच से आठ प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
ऊर्जा निगम की ऑडिट कमेटी ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बैठक में प्रस्ताव आएगा। उत्तराखंड में बिजली दरें एक बार फिर से पांच से अ प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है.
सोमवार को ऊर्जा निगम की ऑडिट कमेटी ने प्रस्ताव मंजूरी दे दी है। अब बोर्ड बैठक से इस प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी दी जाएगी। 15 दिसंबर तक नई दरों का प्रस्ताव नियामक आयोग में जमा कराना है। ऊर्जा निगम मुख्यालय में हुई ऑडिट कमेटी की बैठक में यूपीसीएल ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में कई योजनाओं पर काम किया गया और महंगी दरों पर बिजली खरीदी गई।
इसकी भरपाई इस वर्ष के सालाना बिजली दरों केप्रस्ताव में की जानी है। घरेलू श्रेणी में पांच प्रतिशत, कॉमर्शियल में सात प्रतिशत और उद्योग के लिए आठ प्रतिशत बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव है।
प्रस्ताव यूपीसीएल बोर्ड और नियामक आयोग से पास होता है, तो घरेलू में 25 पैसे, कॉमर्शियल में 35 पैसे और उद्योगमें 40 पैसे प्रति यूनिट दाम बढ़ेंगे।
ऑडिट कमेटी की बैठक में एमडी अनिल कुमार, निदेशक अजय अग्रवाल, एमएल प्रसाद, नवीन गुप्ता, स्वतंत्र निदेशक बीपी पांडे आदि मौजूद रहे।
एक साल में 26 पैसे से 1.11 रुपये यूनिट तक बढ़े दाम इस वर्ष तीन बार बिजली महंगी हो चुकी है। एक अप्रैल से बिजली दरों में 2.68 प्रतिशत वृद्धि हुई। सितंबर में ऊर्जा निगम की याचिका पर आयोग ने दरों में 3.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी की।
अक्तूबर में सात पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए। इस साल 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों पर 26 पैसे प्रति यूनिट का भार बढ़ा। जबकि, 200 यूनिट वालों को 51 पैसे, 400 यूनिट वालों को 71 पैसे, कमर्शियल को 1.02 रुपये, एलटी उद्योग को 96 पैसे, एचटी उद्योगों पर 1.11 रुपये प्रति यूनिट का भार पड़ा।