पंडित ललित मोहन शर्मा ऋषिकेश परिसर में 11 जून से प्रारंभ हुए ग्रीस्मकालीन योग शिविर का आज विधिवत समापन हो गया। माह जून जो कि योग माह के रूप में पूरे विश्व भर में धूम धाम से मनाया जाता है जिसके तहत अधिकतर आयोजन 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन पूर्ण हो जाते हैं किंतु ऋषिकेश परिसर में ग्रीष्मकालीन निशुल्क योग शिविर पूरे माह भर में 30 जून तक परिसर के प्राचार्य प्रोo एम. एस. रावत जी के दिशा निर्देशन में सफलता पूर्वक संचालित हुआ।
प्राचार्य प्रो0 रावत जी द्वारा निरंतर भविष्य में भी इसी प्रकार के निशुल्क योग शिविरों को सतत रूप से आयोजित करने के साथ ही भविष्य योग में त्रिमासिक योग प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों को संचालित करने के प्रयास जानकारी दी गई। ग्रीष्मकालीन निशुल्क योग शिविर में प्रत्येक आयु वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया अतः विविध आयु वर्ग को देखते हुए समग्र योगाभ्यास का क्रम अलग अलग निर्धारित करते हुए विधिवत अभ्यास कराया गयाा।
जिसमें सूर्य नमस्कार जहां सभी व्यक्तियों को क्षमतानुसार मंत्रों के साथ कराया गया जबकि नौनिहालों को गत्यात्मक आसनों जैसे हलासन, पश्चमोत्तान् आसन, उष्ट्रासन, शलभासन, भुजंगासन का अभ्यास कराया गया जिससे उनका मनोशारीरिक विकास बेहतर हो सके। जबकि अन्य दैनिक रोग जैसे – मोटापे, व जोड़ों के दर्द से पीड़ित योग शिविरार्थियों को पवन मुक्तासन समूह के अभ्यासों के साथ गत्यात्मक त्रिकोणासन, त्रियक ताड़ासन, गौमुख आसन, मत्स्येंद्रासन आदि का अभ्यास कराया गया।
दीर्घ श्वास प्रश्वास के साथ अनुलोम विलोम, भस्त्रिका, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास प्रत्येक दिवस का अभिन्न अंग रहा। विश्वविद्यालय के सरंक्षक एवम कुलपति प्रोo एन.के जोशी जी द्वारा इस सफल आयोजन पर हर्ष जताते हुए परिसर के प्राचार्य, एवम समन्वयक प्रो0 वी.के गुप्ता एवं उनकी टीम को बधाई प्रेषित की गई ।
विदित हों कि ग्रीष्मकालीन निशुल्क शिविर के लिए 157 व्यक्तियों ने google फार्म के माध्यम से पंजीकरण कराया गया, जबकि निरंतर व सक्रिय रूप से 37 योगाभ्यासियो ने निरंतर प्रतिभाग किया।
शिविर में प्रतिभाग करने वाले सभी योगाभ्यासियों द्वारा इस शिविर से लाभान्वित होकर खूब सराहा गया, योगाभ्यास सत्रों का संचालन योग प्राध्यापक डाo जयप्रकाश कंसवाल, चंद्रेश्वरी नेगी, वीना रयाल, हिमानी नौटियाल के साथ वरिष्ठ छात्रा दीपांजलि, साक्षी शर्मा के साथ गिरीश शर्मा के सहयोग द्वारा किया गया।