उत्तराखंड: उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग हादसा के बचाव अभियान में फिर आयी बड़ी बाधा आ गयी है अब औगर मशीन क्षतिग्रस्त होयी है।

सुरंग में 14 दिन से चल रहे खोज बचाओ अभियान में बड़ी रुकावट आ गई है। मशीन के आगे अब तक की सबसे बड़ी बाधा आई है। ड्रिलिंग के दौरान मलबे के बीच सरियों का जाल आ गया और मशीन के ब्लेड सरियों के जाल में फंसे फंस गई।

कलपुर्जे भी टनल के अंदर ही फंस गए हैं। जिसे काटने के लिए रात भर खोज बचाओ अभियान चला। अब ड्रिलिंग में फंसे मशीन के ब्लेड को काटने के लिए बेंगलुरू से प्लाज्मा कटर मंगाया जा रहा है। जिस कारण श्रमिकों के बाहर निकलने का इंतज़ार और बढ़ गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर पल-पल अपडेट ले रहे हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार मुख्यमंत्री के सम्पर्क में हैं।

समुद्र में तेल निकालने के लिए की जाने वाली ड्रिल में इस्तेमाल होने वाली वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है। वर्टिकल ड्रिलिंग स्थल तक बीआरओ सड़क बना चुका है।

मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग से श्रमिकों को निकालने पर सभी विकल्पों पर विचार हो रहा है।

ड्रिलिंग में फंसे मशीन के ब्लेड को तेजी से काटने के लिए बेंगलुरू से मंगाया जा रहा प्लाज्मा कटर। अभी एक घंटे में एक मीटर टुकड़े काटे जा रहे हैं।

प्लाज्मा कटर से एक घंटे में 4 मीटर टुकड़ा काटा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग की जाएगी शुरू।

वहीं एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि अंदर फंसे 41 मजदूर ठीक हैं।

उनके पास सभी चीजें जा रही है… मजदूरों के परिजन भी आ गए हैं और उन्होंने बात भी की है। वहीं बचाव अभियान में कुछ समस्याओं का हम सामना कर रहे हैं। ऑगर मशीन में क्षति हुई है।

मशीन के उस हिस्से को बाहर लाने के लिए उन्नत मशीनरी की आवश्यकता है, जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई मार्ग से लाया जा रहा है जो जल्द ही सुरंग स्थल पर पहुंच जाएगा।