उत्तराखण्ड सरकार की महत्वाकांक्षी “देवभूमि उद्यमिता योजना” की शुरआत हो गयी है। इस योजना का क्रियान्वयन के लिए उत्तराखंड सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रोफेसरों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है ।

इस योजना को भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद (ई० डी० आई० आई०) के सहयोग से चलाया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय पाबौ के वाणिज्य विभाग के डॉo गणेश चंद ने देवभूमि उद्यमिता योजना, स्वरोजगार एवम् उद्यमिता कौशल संवर्धन तथा स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने हेतु देवभूमि उद्यमिता योजना के लिए 05 से 10 दिसम्बर 2023 तक ई०डी०आई०आई० अहमदाबाद में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

डॉ० गणेश चंद ने बताया कि छात्रों में छिपे कौशल ही उनके विकास एवं इस क्षेत्र के विकास के माध्यम बनेंगे। इस प्रशिक्षण के दौरान उत्तराखण्ड के स्थानीय लोगों, युवाओं और विद्यार्थियों में प्रतिभा व कौशल की खोज करने के तरीकों की जानकारी दी गयी।

डॉ० गणेश चंद ने बताया कि उत्तराखंड राज्य सरकार भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के साथ मिलकर प्रदेश के युवाओं को उद्यमिता के प्रति जागरूक करने का कार्य करेगी।

योजना के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय पाबौ में जागरूकता कार्यक्रम E.D.P. कार्यक्रम, बूट कैंप, प्रशिक्षण कार्यक्रम, आदि का आयोजन किया जायेगा जिसमें विद्यार्थियों और स्थानीय युवाओं व लोगों में उद्यमिता के प्रति जागरूकता पैदा की जाएगी तथा उद्यमिता विकसित करने की जानकारी दी जाएगी।

इस योजना में नियमनुसार फंडिंग भी उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। कोई भी युवा स्वरोजगार शुरू करने की इच्छा रखने वाले प्रतिभाग कर सकते हैं।

सभी प्रतिभागियों को फैकल्टी मेंटर गाइड करेंगे। मेंटरशिप प्रोग्राम में उच्च शिक्षा विभाग EDII के ट्रेनर्स प्रतिभागियों को उद्यमिता आइडियाज, समस्या का चुनाव, बिजनेस वैल्यू, बी ब्रांडिंग, फंडिंग, उद्यमिता शिक्षा, उत्तराखंड के उत्पाद, पर्यटन, आतिथ्य उद्योग, योग, होम स्टे योजना ,आयुर्वेद, ,मत्स्य पालन , फ़ूड प्रोसेसिंग, इत्यादि के बारे में प्रभावी रूप से जानकारी देकर उनको उद्योग की स्थापना में भी गाइड करेंगे। इसी क्रम में राजकीय महाविद्यालय पाबौ में भी उद्यमिता विकास केंद्र की स्थापना की जाएगी।

राजकीय महाविद्यालय पाबौ के प्रिंसिपल प्रो० सत्यप्रकाश शर्मा ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि महाविद्यालय उत्तराखंड राज्य में दुर्गम क्षेत्र पौड़ी जिले में है जहाँ पर रोजगार के अभाव में पलायन बहुत ज्यादा मात्रा में हुआ है इन ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यम स्थापना के विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाएं हैं।

देव भूमि उद्यमिता विकास योजना क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा तथा इस योजना से महाविद्यालय के छात्र-छात्रायें एवं स्थानीय नागरिक लाभान्वित होंगे। देव भूमि उद्यमिता केंद्र स्थापित होने पर शिक्षकों, छात्र-छात्रओं तथा स्थानीय लोगों में प्रसन्नता की लहर है।