Thursday, October 16, 2025

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राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में आपदा प्रबंधन पर एक गोष्ठी का हुआ आयोजन

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ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में आज दिनाँक 7.3.24 को आपदा प्रबंधन पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए डॉ यतिन काला, सहायक प्राध्यापक(अर्थशास्त्र) ने बताया कि आपदाएं प्राकृतिक या मानवीय खतरों के परिणाम हैं। वास्तव में वर्तमान खतरा प्राकृतिक आपदाओं से उतना नहीं है, जितना मानव निर्मित आपदाओं से है।

डॉ रश्मि, सहायक प्राध्यापक ( भूगोल) ने आपदा प्रबंधन का अर्थ बताते हुए उसके जोखिम को कम करने के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला जैसे आपदा से पूर्व की तैयारी, आपदा के समय और आपदा के बाद की तैयारी । उन्होंने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट कैसे आपदा प्रबंधन पर काम कर रही है ये जानकारी भी छात्र-छात्राओं से साझा की ।

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रों प्रीति कुमारी ने कहा की आपदा प्रबंधन का अर्थ है कि ऐसे सभी उपाय किए जाने चाहिए जिससे खतरा आपदा का रूप न ले सके।

चूंकि, हम कई प्राकृतिक खतरों को आने से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए उचित प्रबंधन द्वारा उनके हानिकारक प्रभावों को कम कर सकते हैं।

इस अवसर पर डॉ सोनिया, डॉ पारुल , डॉ प्रतीक गोयल एवं डॉ दिनेश नेगी मौजूद रहे ।

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