November 24, 2025

Naval Times News

निष्पक्ष कलम की निष्पक्ष आवाज

तबला जगत के अनमोल रत्न पद्मविभूषण उस्ताद ज़ाकिर हुसैन…. : देवेंद्र कुमार सक्सेना

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तबला जगत के अनमोल रत्न पद्मविभूषण उस्ताद ज़ाकिर हुसैन….

जब भी तबले के प्रचार-प्रसार का जिक्र होता है तो ताल जगत के अनमोल रत्न

वाराणसी घराने के तबला सम्राट पंडित कंठे महाराज, पंडित अनोखे लाल, पद्मविभूषण पंडित किशन महाराज, पद्मभूषण पंडित सामता प्रसाद गुदई महाराज, पंजाब घराने के पद्म श्री उस्ताद अल्ला रख्खा, लखनऊ, फर्रुखाबाद, दिल्ली, मेरठ घराने के उस्ताद अहमद जान थिरकवा, अजराडा घराने के उस्ताद हबीबउद्दीन खां आदि का नाम संगीत जगत में बहुत श्रधा के साथ लिया जाता है।

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ये महान तबला वादक अब हमारे बीच में नहीं हैं किंतु अपने पीछे कई प्रसिद्ध शिष्य छोड़ गए आज वे सारे संसार में भारतीय ताल वाद्य का परचम लहरा रहे हैं- तबले की 70 +त्रिमूर्ति हुसैन, चौधरी, बोस….

आज युवा पीढ़ी के आदर्श उस्ताद जाकिर हुसैन, पंडित स्वपन चौधरी, पंडित कुमार बोस जैसे तबला वादक हैं जो 70 + के होने के बाद भी सारी दुनिया में अपनी कला से लाखों लोगों को युवाओं की तरह तबला वादन करके मंत्र मुग्ध कर रहे हैं।

उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के जन्म दिवस पर पर एकाग्र संक्षिप्त लेख…

जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च, 1951 मुम्बई में पंजाब घराने के मशहूर तबला नवाज उस्ताद अल्ला रख्खा के यहाँ हुआ। जाकिर हुसैन बचपन से ही बहुत प्रतिभा शाली थे उन्होने अपने पंजाब घराने की बिशेषताओ के अलावा बनारस, दिल्ली, लखनऊ, अजराडा, फरूखाबाद, अवधी सभी परम्परा को आत्मसात कर अपने तबला वादन को मधुर व प्रयोगधर्मी बनाया। गायन वादन, नृत्य की शास्त्रीय, उप शास्त्रीय सुगम फ्यूजन सभी विधाओं में लोकप्रियता हासिल की।

आपको देश विदेश में अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है जिनमें 1988 में

– पद्म श्री, 2002 में पद्मभूषण, 2022 में पद्मविभूषण,

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार,

दो बार ग्रैमी पुरस्कार उल्लेखनीय हैं…

लगभग 12 साल की उम्र से ही ज़ाकिर हुसैन ने संगीत की दुनिया में अपने तबले की आवाज़ का जादू बिखेरना शुरू कर दिया था। स्कूल और कॉलेज शिक्षा के बाद ज़ाकिर हुसैन ने कला के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करना आरंभ कर दिया।

उनका पहला एलबम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड 1973 में आया था। उसके बाद तो जैसे ज़ाकिर हुसैन ने ठान लिया कि अपने तबले की आवाज़ को दुनिया के कौने कौने में पहूँचायेगे । 1973 से लेकर 2007 तक ज़ाकिर हुसैन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का हूनर दिखाते रहे। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन भारत में तो अत्यंत ही प्रसिद्ध हैं ही साथ ही विश्व के विभिन्न देशों में भी समान रुप से लोकप्रिय हैं।

आपकी लोकप्रियता के प्रमुख कारणों आपकी कला आपका आकर्षक व्यक्तित्व, शालीन स्वभाव, गुरु जनों गुणीजनों के प्रति श्रद्धा और विनम्रता आम लोगों में दूरदर्शन पर प्रसारित विज्ञापन वाह ताज, मिले सुर मेरा तुम्हारा……….

आपने फिल्मों में भी अभिनय किया व संगीत दिया। फिल्म हिट एंड डस्ट,

साज में अभिनय किया साज फिल्म में आपने प्रसिद्ध अभिनेत्री शबाना आजमी के साथ अभिनेता के रूप में कार्य किया… देश विदेश के सभी प्रतिष्ठित संगीत समारोह में आपने तबला वादक किया । पंडित नंदन मेहता विदुषी मंजू मेहता द्वारा

अहमदाबाद में आयोजित सबसे लोकप्रिय सप्तक समारोह में प्रस्तुति देने वाले महान तबला वादको में पंडित किशन महाराज, उस्ताद जाकिर हुसैन, पंडित कुमार बोस, अनेदों चटर्जी आदि के कार्यक्रम आयोजित हुए

कोटा की कला पुरोधा श्रीमती सुधा अग्रवाल और शास्त्रीय गायिका संगीता सक्सेना के अनुसार

उस्ताद जाकिर हुसैन और उनकी गुरु बहिन एवं शिष्या तबला क्वीन अनुराधा पाल कोटा राजस्थान में आई टी सी संगीत नाटक अकादमी के सौजन्य से संगीतिका संस्था के मंच पर प्रस्तुति देने आए थे.

ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि यह महान कलाकार शतायु हो….

माँ भारती के कला पुत्र उस्ताद जाकिर हुसैन को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभ अभिनंदन!

देवेंद्र कुमार सक्सेना तबला वादक संगीत विभाग राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा

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