महाविद्यालय प्राचार्य प्रो० प्रीति कुमारी व मुख्य अतिथि पत्रकार डॉ० प्रभाकर जोशी द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप जलाकर शिविर की शुरुआत की गयी। मुख्य अतिथि डॉ जोशी ने देवप्रयाग के धार्मिक, ऐतिहासिक महत्त्व पर प्रकाश डालते स्वयंसेवी छात्र छात्राओ से राष्ट्र सेवा में सदा आगे रहने को कहा ।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पलायन के कारण कई गाँव वीरान हो चुके हैं ऐसे में हर युवा को यह कोशिश होनी चाहिए कि वह अपने गाँव, शहर में रहकर यही रोजगार शुरु करे।
प्राचार्य ने कहा एन०एस० एस० के माध्यम से युवाओ को स्वय जागरूक होकर दूसरे को जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा हर स्वयंसेवी को राजपथ पर होनी वाली परेड में शामिल होना लक्ष्य होना चाहिए। युवा सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नही रहे बल्कि उन्हें जन सेवा में भी सहभागिता करनी चाहिए।
एन०एस०एस० वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ० दिनेश कुमार ने सभी का स्वागत करते सात दिवसीय शिविर में होने वाले रचनात्मक कार्यो व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी।
इस अवसर पर स्वयंसेवी छात्र छात्राओ द्वारा सरस्वती वंदना, स्वागत गीत प्रस्तुत किये गए। छात्रा किरण चाँदपुरी के गढ़वाली नृत्य ने खूब तालिया बटोरी। शिविर की शुरुआत पर डॉ रंजू उनियाल, डॉ सोनिया कौशिक, डॉ दिनेश नेगी, डॉ प्रियंका सिंह, रवि कठैत, नरेंद्र बकराडी, नवीन, शालिनी, वंदना, कोमल आदि मौजूद थे।