हरिद्वार: उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में छात्रों ने पुस्तकालय की छत पर चढ कर आत्महत्या का प्रयास किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल थुवाल सहित छह छात्रों ने पुस्तकालय की छत पर चढ़ शोध प्रवेश परीक्षा पर लगी रोक को हटाने का विरोध किया। छात्रों ने आत्महत्या का भी प्रयास किया लेकिन शिक्षकों, कर्मचारियों और पुलिस प्रशासन ने छात्रों को समझाकर शांत कर दिया।
इन छात्रों का आरोप था कि उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में पिछले 9 महीने में पीएचडी में हुई धांधली के अलावा एचओडी घोटाला समेत बहुत से नियम विरुद्ध कार्य किए गए है।
बता दें कि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में सत्र 2023—24 पीएचडी प्रवेश परीक्षा में अनेकों प्रकार की अनियमितताएं होने के आरोप लगे हैं। जिसमें एसटी आरक्षण को ध्यान न कर एसटी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय करने और विश्वविद्यालय के परम्परागत छात्रों के लिए 60 प्रतिशत एवं परिसर छात्रों के लिए 20 प्रतिशत वरीयता के नियम का उल्लंघन किया गया।
जिसको लेकर छात्रों ने आंदोलन एवं अनेकों शिकायत की। जिसके पश्चात 20 सितम्बर 2023 को कुलपति के अनुमोदन पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पीएचडी प्रवेश पर तत्काल रोक लगाकर पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया की जांच के लिए शिकायत निवारण कमेटी बनाई गई।
उस कमेटी पर भी छात्रों द्वारा अनेकों आपत्तियां दी गई, परन्तु फिर भी उन आपत्तियों पर कोई विचार नहीं किया गया और कमेटी द्वारा कार्य किया गया। उस कमेटी का निर्णय भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया और कुलपति द्वारा अराजकता फैलाते हुए तानाशाही की गई।
अन्त में कल 3 अप्रैल को कुलपति के अनुमोदन पर पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया पर रोक के आदेश को निरस्त कर दिया गया।
आरोप है कि इसी सत्र में कुलपति द्वारा अपने निजी परिचितों को लाभ पहुंचाने एवं मनमाने निर्णय लेने के लिए नियम विरुद्ध तरीके से विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्षों को बदला गया। विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्षों को बदलने के लिए गोपनीय दस्तावेजों में ऊपर से कागज चिपका कर हाथ से लिखकर नियम बदला गया और उसी फर्जी नियम के आधार पर विभागाध्यक्षों को बदला गया जिसके प्रमाण छात्रों के पास उपलब्ध हैं।
इसके अतिरिक्त अन्य भी अनेकों फर्जी काम कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय में किए जा रहे है। इन सभी कारणों से पिछले 9 महीनों से छात्रों द्वारा अनेकों बार आंदोलन किए गए परन्तु विश्वविद्यालय द्वारा कोई भी समाधान नहीं किया गया। जिससे तंग आकर आज छात्रों ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय की छत पर चढ$ कर आत्महत्या का प्रयास किया।
इसके पश्चात भी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव कोई भी प्रशासनिक अधिकारी छात्रों से मिलने नहीं आएं। इस आंदोलन में छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल थुवाल, सचिव कार्तिक श्रीवास्तव, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सागर खेमरिया, आशीष सेमवाल, कैलाश व्यास, रोहित भट्ट, कमलेश जोशी, राहुल भट्ट, पवन कुमार, सुनील भट्ट, उदित आदि छात्र उपस्थित रहें।