- छात्र नेताओं ने किया बड़ा सवाल, क्या निजी महाविद्यालयों को लाभ पहुंचाते आ रहे थे परीक्षा नियंत्रक?
देहरादून: निजी कालेजों के श्रीदेव सुमन विवि के मुख्य परीक्षा नियत्रंक बीपी श्रीवास्तव की पैरवी किये जाने पर छात्र नेताओं ने सवाल खड़े किये हैं।
बता दें कि शनिवार को श्रीदेव सुमन विवि के मुख्य परीक्षा नियत्रंक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। खबर लिखने तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। परीक्षा नियंत्रक वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। लेकिन जानकारी के मुताबिक इस्तीफा की बड़ी वजह परीक्षा मूल्यांकन में कोताही बरतना बताया जा रहा है। लम्बे समय से विवि की परीक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं।
छात्र नेताओं ने विवि की मूल्यांकन प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किये हैं। छात्र नेताओं का कहना है कि परीक्षाओं का मूल्यांकन निजी महाविद्यालयों में किया जा रहा है। छात्र नेता उदित मौर्य ने हरिद्वार स्थित एक निजी महाविद्यालय संगठन की ओर से जारी एक पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि आखिर क्यों हरिद्वार स्थित निजी महाविद्यालय संगठन की ओर से परीक्षा नियंत्रक की पैरवी की जा रही है?
क्या इस निजी महाविद्यालय संगठन का परीक्षा नियंत्रक बीपी श्रीवास्तव के पद पर रहने या ना रहने पर कोई फायदा-नुकसान जुड़ा है? ऐसा तो नहीं है कि परीक्षा नियंत्रक इस निजी महाविद्यालय संगठन को पद पर रहते फायदा पहुंचा रहे हों?
जिस तरीके से इस संगठन ने कुलपति को लिखे अपने पत्र में परीक्षा नियंत्रक के समर्थन में दलीलें दी हैं उससे तो इसी तरीके का अंदाजा लगाया जा सकता है।
छात्र संघ पदाधिकारियों ने सवाल उठाया है कि क्यों परीक्षाओं का मूल्यांकन केन्द्र निजी महाविद्यालयों को बनाया जा रहा है। क्या सरकारी महाविद्यालय परीक्षा मूल्यांकन के लिए सक्षम नहीं हैं?
छात्र नेताओं ने बताया कि वीपी श्रीवास्तव को पूर्व कुलपति पीपी ध्यानी के कार्यकाल में नितांत काम चलाऊ व्यवस्था के तहत नियुक्त किया गया था, लेकिन तब से वे इस पद पर जमे हुए हैं।
छात्र नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि छात्र विरोधी परीक्षा नियंत्रक को पद से नहीं हटाया जाता है तो वे एक बड़े आंदोलन के लिए मजबूर हो जायेंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी विवि प्रशासन की होगी।