17 वर्षीय अनुराग चौहान को मौत के घाट उतारने वाले नरभक्षी गुलदार के खिलाफ, इस प्रकार की घटनाओं पर रोक की मांग तथा अन्य संबंधित मांगों को लेकर राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग पूर्व छात्रसंघ विश्वविद्यालय प्रतिनिधि/पूर्व महासंघ कोषाध्यक्ष नवीन कुमार, अध्यक्ष गौरव रावत , प्रियभरत, मनीष द्वारा माननीय जिलाधिकारी महोदय जनपद टिहरी गढ़वाल को ज्ञापन सौंपा।
अनुराग चौहान
बता दें कि 18 जुलाई 2024 की शाम को, ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय, देवप्रयाग के मैदान से क्रिकेट खेलकर घर लौटते हुए, 17 वर्षीय छात्र अनुराग चौहान, पुत्र बलवंत सिंह चौहान को एक नरभक्षी गुलदार ने अपना शिकार बना लिया।
जानकारी के अनुसार 17 वर्षीय अनुराग चौहान स्थानीय राजकीय इंटर कॉलेज का 12 वीं कक्षा का छात्र था।
इस घटना ने छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया।
यह घटना न केवल अनुराग और उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक अपार क्षति है। 17 साल की कम उम्र में एक युवा जीवन का इस तरह से खत्म होना, शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
यह घटना वन्यजीवों और मनुष्यों के बीच संघर्ष का एक ज्वलंत उदाहरण है। बढ़ती आबादी और जंगलों के सिकुड़ते क्षेत्रफल के कारण, मनुष्य और वन्यजीवों के बीच टकराव बढ़ रहा ह।
आपकों बता दें कि 15 घंटे पहले, एक नेपाली मूल के वन विभाग श्रमिक को भी इसी गुलदार ने घायल कर दिया था। श्रमिक ने वन विभाग को घटना की सूचना दी थी, लेकिन विभाग ने लापरवाही बरतते हुए इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया। यदि विभाग ने तत्काल कार्रवाई की होती, तो शायद अनुराग की जान बचाई जा सकती थी।
मांग :
1. महाविद्यालय की सुरक्षा : सभी छात्र छात्राओं, शिक्षकों और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
महाविद्यालय के पैदल मार्ग और सड़क पर तार जाल से बाउंड्री का निर्माण किया जाए।
छात्रों के लिए एक सुरक्षित परिवहन व्यवस्था, जैसे कि बस सेवा, शुरू की जाए।
2. घटना की जांच : इस घटना की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की जाए।
दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
3. मृतक के परिवार के लिए मुआवजा: मृतक अनुराग चौहान के परिवार को कम से कम 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
4. वन्यजीव प्रबंधन: क्षेत्र में वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक मजबूत और प्रभावी प्रणाली स्थापित की जाए।
समय पर उचित कदम उठाने के लिए वन विभाग को सशक्त बनाया जाए।
माननीय जिलाधिकारी महोदय ने उक्त मांगों पर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया।