आज दिनांक 26 जुलाई 2024 को राजकीय कला कन्या महाविद्यालय, कोटा की चित्रकला एवं इतिहास विभाग की छात्राओं को राजकीय संग्रहालय, कोटा का शैक्षणिक भ्रमण करवाया गया।
इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बबीता सिंघल, सहायक आचार्य श्रीमती मिथलेश सोलंकी, राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सोमवती शर्मा एवं चित्रकला विषय की विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रियंका वर्मा के मार्गदर्शन में छात्राओं ने संग्रहालय के प्राक पुरातत्व खंड, शैव मूर्ति कला दीर्घा, वैष्णव मूर्ति कला दीर्घा, अस्त्र-शस्त्र दीर्घा, चित्रकला दीर्घा, लोकजीवन दीर्घा, जैन मूर्ति कला दीर्घा का अवलोकन किया।
संग्रहालय के प्रभारी श्रीमान रामचंद्र सेन ने छात्राओं को बताया कि इस संग्रहालय में पांचवीं शताब्दी से लेकर 12वीं शताब्दी तक की हाड़ौती क्षेत्र के उत्खनन से प्राप्त मूर्तियों का संग्रह है, यह मूर्तियां मुख्यतः शैव संप्रदाय, वैष्णव संप्रदाय एवं जैन संप्रदाय से संबंधित है तथा कुछ मूर्तियां लोक जीवन की झांकी प्रस्तुत करती है।
अधिकतर मूर्तियां लाल एवं पीले पत्थर की है तथा कुछ मूर्तियां काले पत्थर की भी हैं। इस संग्रहालय में कोटा एवं बूंदी लघु चित्र शैली के विविध चित्रों का संग्रह है, जिनमें रासलीला, माखन चुराने की लीला, राधा का श्रंगार आदि प्रमुख विषयों पर नायनाभिराम लघु चित्र प्रदर्शित है।
यहां दो प्रसिद्ध मूर्तियां हैं जिनमें से पहली नवी शती ई की शेषशायी विष्णु की मूर्ति है जिसका प्रदर्शन अमेरिका में किया गया एवं पांचवीं शताब्दी ईस्वी की झल्लरी वादक मूर्ति जिसका प्रदर्शन चीन में किया गया।
संग्रहालय में प्रदर्शित चित्रों और मूर्तियों को देखकर महाविद्यालय की छात्राएं एवं संकाय सदस्य अभिभूत हुए एवं छात्राओं का ज्ञानवर्धन हुआ।
अंत में डॉक्टर बबीता सिंघल ने संग्रहालय प्रभारी श्री रामचंद्र सेन का लगभग 110 छात्राओं को निशुल्क संग्रहालय का अवलोकन करने की अनुमति देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।