राजकीय महाविद्यालय जखोली रूद्रप्रयाग उत्तराखंड में दिनांक 13 अगस्त 2024 दिन मंगलवार एवं दिनांक 14 अगस्त 2024 को संस्कृत विभाग में दो दिवसीय संस्कृत महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की आदरणीय प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ. माधुरी द्वारा की गई एवं इस कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉ.भारती जी विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग एवं संस्कृत विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया।
महाविद्यालय का संस्कृत विभाग प्रति वर्ष संस्कृत महोत्सव का आयोजन आयोजित करता है । इस वर्ष भी संस्कृत महोत्सव का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर संस्कृत विभाग में प्रथम दिवस में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष कुमार ने “वर्तमान समय में संस्कृत की स्थिति: दशा और दिशा” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
उन्होंने अपने व्याख्यान में छात्र-छात्राओं को संस्कृत विषय के महत्व से अवगत कराते हुए कहा की संस्कृत संस्कारों की भाषा है । संस्कृत संस्कृति की भाषा है उसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और किस प्रकार से संस्कृत भाषा को पढ़कर उसमें रोजगार की संभावनाएं तलाशी जा सकती है विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ भारती ने संस्कृत की दशा और दिशा पर प्रकाश डालते हुए यह विचार छात्र-छात्राओं के सम्मुख प्रस्तुत किया की संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की आधार है और सभी भाषाओं की आदि जननी भाषा है। जिसमें विनम्रता , मृदुलता, कोमलता और संस्कार परिपूर्ण मात्रा में विद्यमान हैं।
इस अवसर पर प्राचार्य ने भी छात्र-छात्राओं को आशीर्वचन के रूप में अपने विचारों से कृतार्थ किया । उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा संस्कृत भाषा में व्याकरण शास्त्र , भाषा शास्त्र, चिकित्सा शास्त्र, खगोल शास्त्र , नीति शास्त्र , राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र सभी के बारे में विस्तार से चर्चा मिलती है। संस्कृत भाषा में जीवन का ऐसा कोई सा भी पक्ष नहीं है जिसको संस्कृत भाषा में स्पर्श न किया गया हो, वास्तव में संस्कृत भाषा ज्ञान का अपार भंडार है ।
उन्होंने इस बात के लिए भी संस्कृत विभाग एवं संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. भारती जी को प्रेरित किया कि इस प्रकार के कार्यक्रम लगातार संचालित होते रहने चाहिए, जिससे छात्रों में भाषा और संस्कृति के प्रति लगातार प्रेम बढ़ता रहता है।
द्वितीय दिवस में संस्कृत गीत प्रतियोगिता, संस्कृत एकल श्लोक प्रतियोगिता एवं भित्ति चित्र प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें अनेक छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया एवं पुरस्कार भी प्राप्त किये।
इस अवसर पर दोनों ही दिवसों में महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।